सोमवार, 5 दिसंबर 2022


माउंट सेमेरु:इडोनेशिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी अचानक फटा:गर्म गैस ने तोड़ डाला ब्रिज, लावा की नदियां बहीं, लावा गांव मे खेतो तक पहुंचा
इडोनेशिया (Indonesia) का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट सेमेरू (Mount Semeru) 4 दिसंबर 2022 को अचानक फट पड़ा. 12 हजार फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी से इतनी तेज लावा, गर्म राख और गैसें निकलीं कि वो ज्वालामुखी की घाटी में स्थित गांवों में खेतों तक पहुंच गईं.
माउंट सेमेरू कई दिनों से ज्वालामुखी धीरे-धीरे सुलग रहा था. लेकिन मॉनसूनी बारिश की वजह से उसका लावा डोम (Lava Dome) टूट गया. जिससे गर्म राख, गैस और लावा की नदियां कई किलोमीटर दूर तक तेजी से बहती हुई आईं. आप यहां नीचे दिए गए वीडियो में भी देख सकते हैं.इंडोनेशिया के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि ज्वालामुखी के आसपास मौजूद कई गांव राख की ढेर में छिप गए हैं. धुएं और राख की वजह से आसमान काला हो गया है. दिन में भी लोगों को लाइट जलानी पड़ रही है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. अब भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है..
माउंट सेमेरू (Mount Semeru) राजधानी जकार्ता से 800 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व स्थित जावा में है. जावा में कई ज्वालामुखी हैं. जो सक्रिय हैं. लेकिन माउंट सेमेरू सबसे खतरनाक और सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है. सिर्फ इंडोनेशिया में 121 सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं. पिछले साल भी माउंट सेमेरू में विस्फोट हुआ था. तब उसके लावा, गर्म गैस और राख की चपेट में आने से 51 लोगों की मौत हो गई थी. 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था.इस बार के विस्फोट से निकली राख, गर्म गैस और लावा की नदियां पहाड़ के नीचे 8 किलोमीटर तक बहकर आईं. स्थानीय लोगों को 20 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में टिकाया गया है. जहां पर सरकार की तरफ से खाना-पानी और दवाएं वगैरह दिए जा रहे हैं. इस समय ज्वालामुखी के डेंजर जोन में करीब 3 हजार मकान हैं. यहां रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
माउंट सेमेरू (Mount Semeru) के विस्फोट के बाद राख और धुएं के बादल करीब 5000 फीट की ऊंचाई तक फैल गए थे. इसके बाद लावा नीचे की ओर बहते हुए पास की नदी बेसुक कोबोकान में जा मिला. इस घटना के तत्काल बाद ही आसपास के लोगों को हटा दिया गया. इस समय ज्वालामुखी से संबंधित खतरे के अलर्ट को सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिया गया है. यानी लोगों को ज्वालामुखी के आसपास न जाना है. अगर कोई है तो उसे सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए.
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