शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023
किसी के दुख-दर्द की चिंता करना अपना फर्ज और कर्तव्य समझता
हमारा भारत देश ही एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया के देशों की परेशानी व दुख में खड़ा रहता और सब को अपना परिवार मानता है
आज न केवल भारत बल्कि देश के कई संगठन हों या आम मध्यमवर्गीय भारतीय नागरिक तुर्की और सीरिया में आए भयानक भूकंप पीड़ितों के लिए जरूरत का सामान अपनी ओर से वहां भिजवा रहे हैं क्योंकि हर भारतीय को विश्वकल्याण के लिए विश्व के दुखी नागरिकों की हमेशा चिंता रहती है
हमारे देश का हर नागरिक आमतौर पर हर किसी के दुख-दर्द की चिंता करना अपना फर्ज और कर्तव्य समझता है कोरोनाकाल में पूरे देश ने दुख तकलीफें देखी थीं! हिंदू, मुसलिम, सिख, इसाई सब राष्ट्रीयता का धर्म स्वीकार करते हैं क्योंकि इसने उनमें विश्व बंधुत्व की भावना भी भरी है!
आज विश्व कल्याण की भावना ही लोगों को कहीं भी कोई परेशानी या दुख की तकलीफ की घटना दिखाई देती है तो वह उनके दर्द को दूर करने की बात सोचने लगता है दरअसल हमारा देश सारे विश्व को अपना एक परिवार मानता है इसलिए विश्व बंधुत्व के लिए कुर्बानी अपना फर्ज समझता है।
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