शुक्रवार, 10 मार्च 2023

मेरठ त्योहार लोगों की ज़िंदगी मे खुशियों का प्रतीक होते है लेकिन क्या हो अगर ये खुशियां मातम में तब्दील हो जाएं तो... मामला ब्रह्मपुरी के पास गांधी मार्ग का है जहां दुल्हेंडी के दिन एक साढ़े तीन साल की बच्ची ओडियन नाले में गिर गई और मौत के आगोश में समा गई। दरअसल, ब्रह्मपुरी के रहने वाले ललित लोधी ओडियन नाले के पास गन्ने के जूस का ठेला लगते है... दुल्हेंडी वाले दिन उनकी साढ़े तीन साल की बेटी पूर्वी घर से उनके पास आ रही थी लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था...
पूर्वी न तो अपने पिता के पास पहुंची और न ही अपने घर। रात को जब ललित घर लौटे तो उन्होंने पूर्वी की तलाश शुरू की। काफी तलाश करने के बाद जब पूर्वी नही मिली तो उन्होंने ब्रह्मपुरी थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया । लेकिन पुलिस की छानबीन के बाद भी जब पूर्वी का पता नही चला तो पुलिस ने नाले के पास लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया जिसमें पूर्वी नाले में गिरती हुई नजर आई, जिससे परिजनों में कोहराम मच गया। ललित लोधी ने इसका जिम्मेदार नगर निगम को ठहराया है... लेकिन नगर निगम की इस लापरवाही के साथ साथ पूर्वी के पिता ललित लोधी भी जिम्मेदार है... क्योंकि इतनी छोटी सी बच्ची को अकेले जाने देना इस लापरवाही को उजागर करता है।
यदि पिता ने इस बात का ख्याल रखा होता तो शायद पूर्वी की जान न जाती। मगर अफसोस की बात है लोग नगर निगम या अधिकारियों को ही हर बात का जिम्मेदार ठहरा देते है लेकिन इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि नगर निगम हमेशा से ही अपने काम के प्रति लापरवाह रहा है मगर सच तो ये है कि अगर आम जनता सतर्क हो जाये तो न तो लोगों को किसी लापरवाही का सामना करना पड़े और न ही किसी को किसी की जान से हाथ धोना पड़े। हां लेकिन इस हादसे में नगर निगम की लापरवाही को नकारा नहीं जा सकता... यदि नगर निगम इस नाले को पहले ही ढकवा देता तो शायद एक मासूम की जान जाने से बच जाती और एक परिवार त्योहार पर इस तरह मातम ना मना रहा होता।
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