- खून-खराबे के बीच जिस्म बेच बनी दौलतमंदःअमेरिका गृहयुद्ध में झुलस रहा था, सेक्स वर्कर ने बनाया महल; मरने से पहले कोठे को बनाया अस्पताल | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 15 मई 2023

खून-खराबे के बीच जिस्म बेच बनी दौलतमंदःअमेरिका गृहयुद्ध में झुलस रहा था, सेक्स वर्कर ने बनाया महल; मरने से पहले कोठे को बनाया अस्पताल

अमेरिका की आजादी से पहले यानी 1861 से लेकर 1865 के बीच वहां भयंकर गृहयुद्ध छिड़ा था। वॉशिंगटन शहर इसका प्रमुख केंद्र था। सत्ता पर पकड़ बनाने के लिए रसूखदार और आर्मी जनरल आपस में लड़-भिड़ रहे थे।लेकिन इसी दौरान वॉशिंगटन में एक अलग किस्म की शक्ति का उदय हुआ। न तो वह कोई नेता थी और न ही उसके पास हथियारबंद सैनिक थे। उसके पास कुल मिलाकर दर्जन भर महिलाएं और अपना शरीर था। बावजूद इसके वह महिला शहर में सबसे ताकतवर और अमीर मानी जाती थी। वह एक तवायफ थी।तेज-तर्रार उस महिला ने जिस्मफरोशी के धंधे से अकूत दौलत कमाई। दौलत के साथ-साथ वह इतनी प्रभावशाली भी हो गई थी कि बड़े-बड़े लोग उससे शादी करने की मिन्नतें करने लगे।पिछले दिनों अमेरिका में इस महिला से जुड़े इतिहास को नए सिरे से खोजने की कोशिश की गई। जिसमें कई रोचक जानकारियां निकलकर सामने आईं। जिसके बाद से एक बार फिर ‘मैडम ऑफ द मॉल’ कहलाने वाली इस ताकतवर सेक्स वर्कर की चर्चा हो रही है। अमेरिकी गृहयुद्ध के दौर की उस ताकतवर महिला का नाम मैरी एन हॉल था। उसके जन्म और परिवार के बारे में बहुत जानकारी नहीं मिलती। लेकिन बताया जाता है कि 20 साल की उम्र में मैरी अपनी मां और बहन के साथ वॉशिंगटन आई थी।वॉशिंगटन में मैरी और उसकी फैमिली भयंकर गरीबी से जूझ रही थी। उस दौर के अमेरिका में वेश्यावृति काफी कॉमन थी। ऐसे में गरीबी से जूझती मैरी की फैमिली के पास जिस्म बेचने सिवा और कोई चारा नहीं था। जिसके बाद तीनों ने मिलकर वॉशिंगटन में एक वेश्यालय खोला। वॉशिंगटन आने के बाद मैरी भले ही सेक्स वर्कर रूप में काम करने लगी। लेकिन उसके सपने काफी बड़े थे। हालांकि एक बार इस पेशे में आने के बाद इससे निकलना लगभग नामुमकिन था।ऐसे में मैरी ने अपने इसी बिजनेस के सहारे दौलत और शोहरत हासिल करने का फैसला किया।गंदे और दरबानुमा बदबूदार वेश्यालय की जगह मैरी ने वॉशिंगटन के पॉश इलाके में जमीन ली। वहां एक शानदार तीन मंजिला इमारत बनवाई। मैरी ने अपने साथ दर्जन भर और महिलाओं को जोड़ा। इनमें सभी नस्ल की महिलाएं शामिल थीं। मैरी के उस वेश्यालय में वॉशिंगटन का सबसे महंगा खाना और दुनिया की सबसे महंगी शराब परोसी जाती थी। वहां ग्राहकों के लिए खासतौर से फ्रांस की शैंपेन भी मंगाई जाती थी।लगभग 200 साल पहले की उस इमारत की खुदाई करवाई गई तो वहां से कछुआ, सीप, शार्क और कई ऐसे जीवों की हड्डियां मिली, जो उस दौर में राजा-महाराजाओं को ही नसीब होते थे।खुदाई में उस दौर की एक से बढ़कर एक महंगी और लग्जरी चीजें मिली। किसी कोठे पर इस तरह की चीजें होना तब भी आम बात नहीं थी। अपने उस आलीशान कोठे के सहारे मैरी ने कुछ ही दिनों में अकूत दौलत जमा कर ली। आम कोठों से इतर मैरी के कोठे पर रईस और बड़े व्यापारी ही आ पाते थे। एक अनुमान के मुताबिक मैरी के पास मौजूदा कीमतों के हिसाब से तकरीबन 50 करोड़ रुपए जमा हो गए थे।साथ ही साथ मैरी का प्रभाव वॉशिंगटन के लगभग सभी प्रभावशाली लोगों पर था। उसे कोई भी नाराज नहीं करना चाहता था। बताया जाता है कि उस दौर के कई बड़े रसूखदार मैरी से शादी करना चाहते थे। लेकिन मैरी ने किसी को भाव नहीं दिया और ताउम्र कुंवारी रहीं। 1886 में 71 साल की उम्र में मैरी की मौत हुई। अपनी मौत से पहले ही मैरी ने कोठे को बंदकर उस बिल्डिंग को एक महिला अस्पताल को दे दिया था। मौत के बाद मैरी को वॉशिंगटन की उस कब्रिस्तान में दफनाया गया, जो जगह बड़े अफसरों के लिए रिजर्व्ड थी। मैरी के प्रभुत्व का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उनकी कब्र के बगल में अमेरिका के पहले एफबीआई डायरेक्टर की कब्र है।वॉशिंगटन की इस कब्रिस्तान में मैरी, उसकी मां और बहन की आलीशान कब्र आज भी देखी जा सकती है। पहली नजर में किसी को भी ऐसी लग सकता है कि यह किसी महारानी की कब्र है। वैसे मैरी कहने को तो एक सेक्स वर्कर ही थीं। लेकिन उन्होंने जिंदगी किसी महारानी की तरह की जी। मौत से पहले महिलाओं के लिए किए उनके काम की आज भी तारीफ होती है। ऐसे में उनकी आलीशान कब्र, उनकी जिंदगी की कहानी कहती नजर आती है।

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