सोमवार, 8 मई 2023
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति के मामले पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है.कोर्ट ने कहा कि अकल दाढ़ का न होना रेप पीड़िता की उम्र साबित करने के लिए एक निर्णायक सबूत नहीं है.
जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया. मामले की सुनवाई करने वाली कोर्ट की जज अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि अपीलकर्ता को दोषी ठहराते हुए विशेष अदालत ने दंत चिकित्सक की गवाही पर भरोसा किया था, जिसने कहा था कि लड़की इस आधार पर नाबालिग है कि उसके पास अकल दाढ़ नहीं था.
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