यशवीर महाराज ने मुस्लिम मालिकों को उनके होटलों पर लगी हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें आगामी 1 जुलाई तक उतार देने की नसीहत दी है.
यशवीर महाराज ने इन होटलों का विरोध करते हुए जल्द इनके खिलाफ एक अभियान चलाने की घोषणा की है. उनका कहना है कि मुजफ्फरनगर से लेकर हरिद्वार तक कई होटलों का संचालन मुसलमान करते हैं और वो अपने होटलों पर हिंदुओं के देवी-देवताओं के चित्र लगा लेते हैं. उससे हिंदू समाज भ्रमित हो जाता है और वहां भोजन करके अपना धर्म भ्रष्ट भी कर लेता है.
हिंदू धर्मगुरु का आरोप है, ''मुसलमानों के होटल का भोजन शुद्ध नहीं होता है. उसमें अंडे भी मिले हो सकते हैं, उसमें मूत्र और थूक भी मिला हो सकता है. या फिर सब्जियों में गऊ का मांस भी मिला हो सकता है. अब ऐसे लोगों को हमने चिन्हित किया है और उनके खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा.''
यशवीर महाराज ने चेतावनी दी- ''होटल संचालक मुसलमानों कान खोल कर सुन लें. अगर 1 जुलाई से पहले उन्होंने देवी-देवताओं के बोर्ड नहीं हटाए तो हिंदू लोग आकर हटा देंगे. साथ ही आगे कहा कि मुसलमानों को हिंदू देवी-देवताओं में आस्था है, तो इस आस्था का हम उनको धन्यवाद देते हैं. लेकिन फिर उन्हें अपनी आस्था को दर्शाने और क्रियान्वित करने के लिए हिंदू धर्म में वापसी करनी होगी. घर वापसी करने वाले हिंदू धर्म में आकर मुट्ठी बंद करके गर्व से कहें कि हम हिंदू हैं-हिंदुस्तान हमारा है-जय श्री राम.''
कांवड़ियों से धोखा बर्दाश्त नहीं
धर्मों को लेकर लगातार बयानबाजी करने वाले यशवीर महाराज ने आगे कहा, पूरे हिंदू समाज के अंदर इस बात पर क्रोध है कि मुस्लिम अपने काम धंधे के लिए हमारे देवी-देवताओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. प्रशासन से हम यही मांग करते हैं कि यह बड़ा ही संवेदनशील विषय है. वहीं, हरिद्वार से हिंदू श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ कांवड़ लेकर आते हैं. गंगा स्नान करके आते हैं. साथ ही गंगाजल अपने कंधे पर लेकर आते हैं. कांवड़िया लहसुन-प्याज खाना भी उचित न समझते, लेकिन इन होटलों पर उनको धोखे से कुछ खिला दिया जाए तो वह बर्दाश्त नहीं होगा.
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