- 17 साल के लड़के को लगी खौफनाक लत, प्राइवेट पार्ट में घुसा लिया 8 इंच लंबा बिजली का तार | साप्ताहिक सच्चाईयाँ

गुरुवार, 7 सितंबर 2023

17 साल के लड़के को लगी खौफनाक लत, प्राइवेट पार्ट में घुसा लिया 8 इंच लंबा बिजली का तार

Sri Lankan teenager Gets 8inch-long wire inside private Part: हाल ही में बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी की OMG-2 फिल्म आई थी। यह फिल्म यौन शिक्षा पर आधारित थी। जिसमें एक नाबालिग लड़का सही जानकारी के अभाव में गलत कदम उठाने लगता है।

कुछ ऐसा ही मामला श्रीलंका में सामने आया है। जहां 17 साल के लड़के पर जवानी का ऐसा जोश चढ़ा कि उसने अपने प्राइवेट पार्ट (Penis) में 8 इंच लंबा तार डाल दिया। लड़के की तकलीफ उस वक्त बढ़ गई, जबक तार प्राइवेट पार्ट में फंस गया। उसने यह बात कई दिनों तक छिपाई। जब दर्द असहनीय हो गया वह डॉक्टर के पास पहुंचा। डॉक्टरों ने सर्जरी कर तार बाहर निकाला है।

दो साल से इस लत का था शिकार

डेली मेल के अनुसार, डॉक्टरों ने पीड़ित लड़के के नाम का खुलासा नहीं किया है। हालांकि वह कामोन्माद को तीव्र करने के लिए दो साल से अपने मूत्रमार्ग में बिजली के तार डालता रहता था। एक तरह से उसे लत लग गई थी। लड़के ने 8 इंच लबे तार पर कई गांठ बना रखे थे। एक दिन कामोन्माद में उसने तार को बहुत दूर तक धकेल दिया, इससे वह पेनिस में फंस गया। 9 दिनों तक वह दर्द को सहता रहा। उसके बाद अचानक पेट में तेज दर्द उठा। जिस पर उसे अस्पताल जाना पड़ा। लड़के की यह पूरी कहानी एक मेडिकल केस रिपोर्ट में सामने आई है।

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इस प्रक्रिया का क्या है नाम?

इस प्रक्रिया को पॉलीएम्बोलोकोइलोमेनिया या पेकामेनिया कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोग संभोग सुख तक पहुंचने के लिए हस्तमैथुन करते समय बार-बार तारों और टूथब्रश से लेकर लाइटबल्ब तक विदेशी वस्तुओं को अपने प्राइवेट पार्ट में डाल लेते हैं।

आसान नहीं थी सर्जरी

कोलंबो में एक अस्पताल के डॉक्टरों ने उसका अल्ट्रासाउंड किया। तब उन्हें मरीज के पेट में एक कुंडलित वस्तु दिखी। डॉक्टरों ने सिस्टोस्कोपी की, जिसमें मूत्राशय के अंदर कैल्शियम से घिरा घिरा नजर आया। इसके बाद सर्जरी कर तार को बाहर निकाला गया।

लड़के की हुई काउंसलिंग

डॉक्टरों ने युवक की लत को दूर करने के लिए उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए भेजा। पाया गया कि लड़के को सामाजिक और रोमांटिक रिश्ते बनाने को लेकर कुछ चिंताएं थीं। इसलिए वह ऐसा कर रहा था। केस स्टडी साइकाइट्री रिसर्च केस रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।

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