जिसका असर कुल बिजली की खपत में दिखा है। असल में इस बार अगस्त का महीना पिछले 122 साल के इतिहास में सबसे सूखा रहा है। जिसकी वजह से बिजली की मांग बढ़ी है। बिजली की खपत अगस्त, 2022 में 130.39 अरब यूनिट और अगस्त, 2021 में 127.88 अरब यूनिट थी।
अनुमान से कहीं ज्यादा मांग
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 में अधिकतम बिजली की मांग (किसी एक दिन में सबसे अधिक बिजली आपूर्ति) बढ़कर 236.59 गीगावाट हो गई। यह आंकड़ा अगस्त, 2022 में 195.22 गीगावाट और अगस्त, 2021 में 196.27 गीगावाट था।बिजली मंत्रालय का अनुमान था कि इस साल अगस्त में बिजली की मांग 229 गीगावाट तक पहुंच जाएगी।इस साल अप्रैल-जुलाई में बेमौसम बारिश के कारण मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंच पाई थी। हालांकि, अधिकतम आपूर्ति जून में 223.29 गीगावाट और जुलाई में 208.95 गीगावाट पर रही।उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि देश में व्यापक बारिश के कारण इस साल मार्च, अप्रैल, मई और जून में बिजली की मांग प्रभावित हुई।उन्होंने कहा कि अगस्त में बिजली की खपत के साथ ही मांग में भी वृद्धि हुई है। उमस भरे मौसम और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के चलते ऐसा हुआ।
122 साल में सबसे सूखा अगस्त
इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के जरिए अगस्त महीने में पिछले 122 साल में सबसे कम बारिश हुई है। इससे पहले अगस्त महीने में सबसे कम बारिश 2005 में रिकॉर्ड की गई थी, जब औसत से 25 फीसदी कम बारिश हुई थी। लेकिन इस बार सारे रिकॉर्ड टूट गए और औसत से करीब 36 फीसदी कम बारिश हुई। अगस्त महीने में केवल 162.7 मिली मीटर बारिश हुई। जबकि अगस्त में औसतन 254.9 मिली मीटर बारिश होती है।
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