शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के डायमंड जुबली लेक्चर को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर जब कम और स्टेबल थी जो इसके चलते परिवारों, और कारोबारी जगत को लंबी अवधि के लिए बचत और निवेश योजना बनाने में बहुत मदद मिली. लेकिन जरुरी वस्तुओं की सप्लाई के झटके अब लगातार लग रहे हैं जिसके चलते महंगाई पर काबू पाने से लेकर उसके प्रबंधन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का संचालन उस सड़क पर गाड़ी चलाने के समान है जिसमें गड्डों से लेकर स्पीड ब्रेकर है. उन्होंने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी हमेशा भविष्य को देखकर तैयार करना चाहिए. क्योंकि रियर-व्यू मिरर यानि पीछे देखने से पॉलिसी में खामियों का खतरा बना रहेगा. उन्होंने कहा कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई 2022 के बाद से आरबीआई ने रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत का बैकिंग सेक्टर कैपिटल रेश्यो में सुधार, बेहतर एसेट क्वालिटी और मुनाफे में इजाफे के चलते जुझारू और मजबूत बना हुआ है.
10 अगस्त 2023 को आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के नतीजों की घोषणा की थी जिसमें पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया. लेकिन उसके बाद खुदरा महंगाई दर जो आँकड़े घोषित हुए उसमें महंगाई दर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची तो खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी पर जा पहुंची थी.
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