बच्चों ने लिखा था मारपीट करता है स्टाफ
पुलिस के मुताबिक जिला बाल कल्याण अधिकारी की तरफ से दी शिकायत में बताया गया है कि बाल भवन द्वारा संचालित बाल देखरेख संस्थान जगन्नाथ आश्रम 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए बनाया हुआ है, जहां बेसहारा लड़कियों को रखा जाता है। 5 जुलाई 2023 को जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी ने आश्रम में जांच की। जांच के दौरान संस्था के रिकार्ड देखा तो बाल समिति के रजिस्टर के अंदर संस्था के बच्चों ने लिखा था कि वे अधीक्षक मन्जू और चौकीदार रानी के व्यवहार से बहुत ज्यादा परेशान हैं। अधीक्षक मंजू ने 17 साल की लड़की को थप्पड़ मारा। जो कि एक स्पेशल श्रेणी की लड़की है।
एडीसी के आदेश पर लड़की की सिविल अस्पताल में नियुक्त बाल मनोचिकित्सक को बुलाकर काउंसलिंग कराई गई। पीड़िता ने अधीक्षक और शिक्षिका सुशीला द्वारा पिटाई करने की बात दोहराई और रस्सी से बांधने की बात भी कही। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि यह गंभीर मामला है। ऐसा करना जेजे अधिनियम की धारा 75 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इस नियम के तहत पांच वर्ष तक की कठोर सजा के साथ-साथ पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसके बाद जिला बाल कल्याण अधिकारी एडीसी आरोपी तथा शैक्षणिक योग्यता पूरी न करने वाले स्टाफ सदस्यों को तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। साथ ही कानूनी कार्रवाई की हिदायत दी। इसके बाद मामले की शिकायत एसपी कार्यालय में दी गई। अब आरोपियों के खिलाफ पुरानी सब्जी मंडी थाने में केस दर्ज किया गया है।
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