लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में बीते 9 अक्टूबर को एक गन्ने के खेत में 13 साल की एक लड़की का क्षत-विक्षत अवस्था में शव मिला, जिसकी आंखें निकली हुई थीं।
घटना सिंगाही थाना क्षेत्र की है जहां आक्रोशित लोगों ने पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा की गाड़ी को घेर लिया और जमकर हंगामा किया। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद है और फोरेंसिक विशेषज्ञ भी इलाके में पहुंच गए हैं। नाबालिग के परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वह एक स्थानीय मदरसे में पढ़ने गई थी और जब वह शाम तक वापस नहीं लौटी तो परिवार को बच्ची की चिंता हुई। उन्होंने उसकी काफी तलाश की लेकिन वह नहीं मिली और रात करीब 12 बजे तिकुनिया थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
दोपहर करीब एक बजे उसकी लाश बस्ती के पास गन्ने के खेत से बरामद हुई। उसके कपड़े फटे हुए थे और अस्त-व्यस्त थे, उसका मुँह कीचड़ से भरा हुआ था, भयानक चोट के निशान उसके चेहरे और सिर पर थे, साथ ही दोनों आँखों की पुतलियाँ भी काट दी गई थीं।
शव के पास उसका बैग भी देखा गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की पहचान की। परिजन वहां पहुंचे और अपनी बेटी को पहचान लिया। उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हो गया।
मां ने मृतक की हालत देखने के बाद यौन उत्पीड़न के बाद हत्या का संदेह जताया। उसने कहा, ''मेरी बेटी पढ़ने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। हम पूरी रात उसे ढूंढते रहे और पुलिस से शिकायत की।' परिजनों ने दावा किया कि पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। मां ने अपने बयान में कहा, 'अगर उन्होंने रात में लड़की की तलाश की होती तो वह आज भी जीवित होती। उसके सिर पर घाव थे। उसकी आंखें निकाल ली गईं। उसका मुँह कीचड़ से भरा हुआ था। किसी ने उसका चेहरा काफी देर तक जमीन में दबा रखा था।'
शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, 'लड़की के सिर और शरीर पर चोट के निशान पाए गए। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। हमने आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित की हैं। आसपास के पुलिस स्टेशनों से भी दस्ते भेजे गए हैं। अपराधी जल्द ही पकड़े जाएंगे।'
इस बीच, 10 अक्टूबर को तीन डॉक्टरों द्वारा पोस्टमॉर्टम किया गया और रिपोर्ट से पता चला कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी, लेकिन बलात्कार का सबूत नहीं दिया गया। शव को परिवार को सौंप दिया गया, जिन्होंने दोषियों के सलाखों के पीछे जाने तक शव को दफनाने से इनकार कर दिया। उन्होंने मुआवजे की भी मांग की है।
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