आईटी कंपनी की निदेशक अप्रवासी भारतीय महिला उद्यमी की आईटी कंपनी के गूगल पेज पर मेरठ की महिला ने अमर्यादित टिप्पणी की। महिला उद्यमी का दावा है कि इससे कंपनी को पांच करोड़ रुपये के करार से हाथ धोना पड़ा।
कंपनी के सीनियर मैनेजर ने ताजगंज थाने में आरोपी महिला के विरुद्ध आईटी एक्ट और मानहानि का केस दर्ज कराया है।
कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास राजौरिया ने दर्ज कराए केस में बताया है कि उनकी कंपनी कास्मिक आईटी इंफॉमेटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक म्युनिख, जर्मनी में रहती हैं। वह अप्रवासी भारतीय हैं। कुछ दिन से भारत में व्यापारिक सिलसिले में आई हुई थीं। उनकी कंपनी दुनिया की जानी मानी आईटी कंपनियों के साथ काम करती है। दो दिन पूर्व उनके ग्राहकों से पता चला कि मेरठ की श्वेता रस्तोगी नामक महिला ने कंपनी के गूगल पेज पर निदेशक के लिए अनर्गल और अमर्यादित टिप्पणी की है।
बताया गया है कि आरोपी महिला का कंपनी से किसी तरह का सरोकार नहीं है। न ही कंपनी की निदेशक उनसे कभी मिली हैं। महिला ने कंपनी के गूगल पेज पर निदेशक के बारे में टिप्पणी करके उनकी छवि को धूमिल किया। व्यापारिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई। कंपनी के एक ग्राहक ने करीब 5 करोड़ रुपये का करार निरस्त कर दिया। इससे कंपनी की निदेशक गहरे अवसाद में आ गईं। वह अपना दौरा बीच में छोड़कर जर्मनी चली गईं। इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह से शिकायत की। इस मामले में ताजगंज थाने में श्वेता रस्तोगी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि जांच की जा रही है।
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