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बुधवार, 17 जनवरी 2024

जिसके साथ जेल में हुई पहचान, उसी की पत्नी को उतारा था मौत के घाट, अब मिली उम्र कैद की सजा

 

रियाणा के कुरुक्षेत्र में जेल में बंद होने के दौरान जिसके साथ पहचान हुई, बाहर निकलने पर उसी की पत्नी को मौत के घाट उतारने वाले व्यक्ति को अदालत ने दोषी करार दिया है। वर्ष 2015 में हुई इस वारदात में दोषी को अब अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने सश्रम उम्र कैद व 25 हजार रुपये की सजा सुनाई है।

जुर्माना न भरने पर उसे एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस हत्याकांड के दोषी पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं जबकि एक मामले के चलते वह गुजरात की जेल में बंद था, जहां से स्थानीय पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई।

जिला उप न्यायवादी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि आठ नवंबर 2015 को पुलिस को दिए अपने बयान में जीत सिंह निवासी मलिकपुर ने बताया कि उसका छोटा भाई मलकीत सिंह एनडीपीएस के केस में जेल में सजा काट रहा है और उसकी पत्नी मूर्ति देवी उम्र करीब 45-46 साल अपने घर में अकेली रहती है।

आठ नवंबर 2015 को सुबह जब वह सत्संग में गया था तो उसके भतीजे ने फोन करके उसे मूर्ति देवी की हत्या के बारे में जानकारी दी थी। जब उसने आकर देखा तो मूर्ति देवी का शव कमरे के अंदर चारपाई पर पड़ा था। उसके शरीर पर तेजधार हथियार से गहरी चोट लगी थी। भतीजे ने अपने बयान में मूर्ति देवी की हत्या करने के बारे में जगतार सिंह निवासी इस्माईलपुर पर आरोप लगाया था।

जिनके बयान पर थाना इस्माईलाबाद में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच निरीक्षक संदीप कुमार को सौंपी गई थी। आरोपी की तलाश करके मामले में गिरफ्तार कर लिया था। मामले का चालान अदालत में दिया गया था। मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अदालत ने आरोपी जगतार सिंह को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत कठोर उम्र कैद व 25 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई है।

हत्या के बाद महिला का मोबाइल भी साथ ले गया था आरोपी
जिला उप जिला न्यायवादी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि कि उक्त दोषी व मृतक महिला के पति की पहचान जेल में ही हुई थी। मूर्ति की हत्या का दोषी जगतार किसी मामले में जेल में बंद था और जमानत पर छूटने के बाद वह मलकीत के घर गया था, जहां उसकी पत्नी मूर्ति देवी से उसने कुछ रकम मांगी, जिसके मना करने पर वहीं पड़े तेजधार हथियार से वारदात को अंजाम दे दिया था।

वह वारदात के बाद महिला का मोबाइल भी अपने साथ ले गया था, जिसे उसने शाहाबाद में एक व्यक्ति को बेचने की कोशिश की, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। फिर दूसरे व्यक्ति को इसे बेच दिया और खुद अंबाला चला गया। खरीद करने वाले व्यक्ति ने मोबाइल में अपना सिम डालकर चलाया तो पुलिस ने ट्रेस कर लिया, जिसके बाद मामले की कड़ियां जुड़ती गई।

नशीला पदार्थ रखने के मामले में दो साल की कैद
कुरुक्षेत्र।
 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत (अंतर्गत एनडीपीएस एक्ट 1985) ने नशीला पदार्थ रखने के मामले में दोषी रवि कुमार उर्फ लब्बू वासी दहिया माजरा जिला अंबाला को दो साल कठोर कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

सहायक जिला न्यायवादी कर्मबीर ने बताया कि 22 नवंबर 2018 को नारकोटिक सैल के निरीक्षक प्रतीक कुमार की टीम अपराध की तलाश व गश्त के संबंध में सुनारिया चौक बाबैन में मौजूद थी। पुलिस टीम ने शक पर गांव सुनारियां की तरफ से मोटरसाइकिल पर आ रहे रवि कुमार उर्फ लब्बू को काबू करके उसकी तलाशी ली तो उसके कब्जे से 15 ग्राम हेरोइन, स्मैक बरामद हुई थी। आरोपी के विरुद्ध थाना बाबैन में नशीली वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके नारकोटिक सैल के उप निरीक्षक अश्वनी कुमार ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले की नियमित सुनवाई करते हुए 16 जनवरी 2024 को अदालत ने उसे उक्त सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर उसे दो माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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