Lok Sabha Election: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के 'विरासत टैक्स' वाले बयान के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है। बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
अमित शाह ने कहा, "जब मोदीजी ने ये मुद्दा उठाया तो पूरी कांग्रेस, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी बैकफुट पर आ गए। मैं मानता हूं कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र से इस बात को वापस लेगी। सैम पित्रोदा के बयान को देश की जनता गंभीरता से ले।"
अमित शाह ने कहा, "आज सैम पित्रोदा के बयान ने देश के सामने कांग्रेस का मकसद स्पष्ट कर दिया है। सबसे पहले उनके घोषणापत्र में 'सर्वेक्षण' का जिक्र, मनमोहन सिंह की बात पुराना बयान जो कांग्रेस की विरासत है - कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, और अब सैम पित्रोदा की अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी कि धन के वितरण पर विचार-विमर्श होना चाहिए।"
जनता की संपत्ति से सरकारी खजाने भरना चाहती है कांग्रेस
अमित शाह ने कहा, "सैम पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि 55 फीसदी संपत्ति सरकारी खजाने में जाती है। आज सैम ने कांग्रेस का मकसद साफ कर दिया है, वो लोगों की निजी संपत्ति सरकारी खजाने में डालकर इसका बंटवारा माइनोरिटी में करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "ये देश के लोगों की निजी संपत्ति का सर्वेक्षण करना चाहते हैं। इसे सरकारी संपत्ति में रखना चाहते हैं और यूपीए के शासनकाल के दौरान निर्णय के अनुसार वितरित करेंगे। कांग्रेस को या तो इसे अपने घोषणापत्र से वापस लेना चाहिए या स्वीकार करना चाहिए कि यह वास्तव में उनका इरादा है... मैं चाहता हूं कि लोग सैम पित्रोदा के बयान को गंभीरता से लें। उनकी मंशा अब सामने आ गई है, इसका संज्ञान लोगों को लेना चाहिए...।"
सैम पित्रोदा ने क्या कहा था?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते दिनों एक बयान में कहा था कि अगर चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। उनके इस बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया।
पित्रोदा ने कहा, "अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है।"
उन्होंने कहा, "ये बहुत ही रोचक कानून है। इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है। लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है।"
पित्रोदा ने आगे कहा था, "यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है। उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता। मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा। हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में हो।"
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