अलवर। ड्रग कंट्रोलर टीम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में डॉक्टर के गोदाम पर छापा मारकर 40 लाख की नशीली दवाएं और सिरप जब्त की गई है। पुलिस ने दो दिन पहले तलाशी के दौरान डॉक्टर के सप्लायर को दो बैगों में नशीली दवाएं ले जाते गिरफ्तार किया था।
कोटपूतली बहरोड़ एसपी वंदिता राणा ने बताया कि पांच जुलाई को सुबह चार बजे बहरोड़ पुलिस ने गश्त के दौरान पोस्ट ऑफिस के पास एक युवक को दो बैग के साथ रोका था। इस दौरान उससे बैग में सामान के बारे में पूछा तो उसने बताया कि बैग में बच्चों के कपड़े हैं। पुलिस ने जब बैग की तलाशी ली तो उसमें नशीली दवाएं मिली। जिस पर युवक को पकड़कर उसका नाम पूछा तो उसकी पहचान बहरोड़ के जैतपुरा मोहल्ले के राज सिंह (42) पुत्र भूप सिंह के रूप में हुई। पूछताछ में सामने आया कि वह ड्रग्स लेकर कोटपूतली जा रहा था। जहां वह गांव खेड़की वीरभान के रहने वाले डॉ. अविनाश शर्मा पुत्र सुरेश चंद के पास क्लिनिक में काम करता है। वह बीडीएस डॉक्टर हैं। उन्हीं के कहने पर दवा लेकर जा रहा था। वह उसके यहां महज 10 हजार रुपए में नौकरी करता है।
एसपी ने बताया कि राज सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस ने ड्रग कंट्रोलर टीम के साथ मिलकर पुलिस ने विक्रम टॉकीज के पास नैनसुख मोहल्ले में डॉक्टर के गोदाम पर कार्रवाई की। जहां से करीब 40 लाख रुपए की नशीली दवाइयां बरामद की है। जिसमें ट्रामाडोल के एक लाख 21 हजार 104 कैप्सूल, कोडीन कफ सिरप की 21 हजार 214 बोतल, अल्प्राजोलम की 10 हजार 800 टैबलेट मिली। वहीं ड्रग कंट्रोलर टीम के गजानंद कुमावत ने 380 अबॉर्शन किट जब्त किए गए हैं। कोटपूतली के डेंटिस्ट डॉ.अविनाश शर्मा ने बहरोड़ में गोदाम बना रखा था। कार्रवाई के बाद से ही डॉक्टर फरार है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही मालूम चल सकेगा कि माल कहां-कहां सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। इंटेलिजेंस के आधार पर थाने के एएसआई बाबूलाल ने अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। जिसकी जांच सदर थानाधिकारी अमित कुमार कर रहे हैं।
बहरोड़ थानाधिकारी महेश तिवाड़ी ने बताया कि डॉ. अविनाश शर्मा बीडीएस डॉक्टर है, लेकिन वो कोटपूतली में डॉ. अविनाश एलर्जी व चर्म रोग क्लिनिक संचालित करता है। शुरुआती जांच में इससे पहले भी इस क्लीनिक पर कार्रवाई होना सामने आया है। उसकी पत्नी भी एमबीबीएस है, लेकिन वो गृहणी है। डॉ. अविनाश शर्मा माता-पिता का इकलौता बेटा है। कार्रवाई के बाद से ही फरार चल रहा है। सहायक औषधि नियंत्रक जितेंद्र कुमार मीणा का कहना है कि नशे के तौर पर दवा के दुरुपयोग रोकने को विभाग लाइसेंसी और बिना लाइसेंसी के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है। सूचना मिलते ही औषधि विभाग और पुलिस की टीम संयुक्त कार्रवाई करती है। आमजन को भी चाहिए कि अगर उनके आसपास कोई बिना बिल नशीली दवा भेज रहा है, तो उसकी सूचना तुरंत नजदीकी थाना या औषधि विभाग को दें, ताकि प्रभावित कार्रवाई की जा सके।
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