अयोध्या में हुए सामूहिक दुष्कर्म (Ayodhya Rape) की पीड़िता का मंगलवार को गर्भपात कराया गया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया।
इस मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। हालांकि अस्पताल के सूत्रों तथा पीड़िता की मां ने मंगलवार दोपहर गर्भपात होने की पुष्टि की है। सामूहिक दुष्कर्म (Ayodhya Rape) पीड़िता को सोमवार को अयोध्या से केजीएमयू के लिए रेफर किया गया था। उसके साथ सीएमओ के साथ ही अन्य अधिकारी भी आए थे।
केजीएमयू में डॉक्टरों की टीम ने उसका परीक्षण किया तथा सब कुछ नॉर्मल होने पर मंगलवार को उसका गर्भपात कराया। पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। उसको 12 सप्ताह का गर्भ था, इसलिए गर्भपात में कोई कानूनी अड़चन नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 24 सप्ताह तक के समय में गर्भपात किया जा सकता है। इसको देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने गर्भपात करने का फैसला किया। गर्भपात के बाद बिटिया की हालत सामान्य है। उम्मीद है कि जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
पीड़िता 14 साल छह माह की है। बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत शैक्षणिक अभिलेखों से उसकी वास्तविक आयु स्पष्ट हुई है। उधर, सीडब्लूसी ने दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजा गया है।
पीड़िता की आयु अब तक स्पष्ट नहीं थी। दर्ज एफआईआर में उसकी आयु 12 वर्ष बताई गई थी, लेकिन बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत आठवीं की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण-पत्र) से उसकी सही आयु का पता चला है। इस अभिलेख के आधार पर उसकी उम्र 14 साल छह माह बताई गई है।
पीड़िता की मां ने बताया कि मंगलवार दोपहर बेटी का गर्भपात कराया गया। उनके अनुसार यहां पर काफी पुलिस लगाई गई है, लेकिन इतने बड़े अस्पताल में आकर काफी डर लग रहा है।
उन्होंने अपने साथ परिवार के कुछ लोगों साथ बने रहने के लिए कहा है। उनके अनुसार पहली बार इतने बड़े अस्पताल में हूं। सुरक्षा के लिए पुलिस भी तैनात है। बिटिया के कमरे के बाहर कई पुलिस वाले ड्यूटी दे रहे हैं। इसके बावजूद अनजाना डर बना हुआ है।
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