बुधवार, 20 अप्रैल 2022


*अलीगढ़ कोर्ट ने गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद सुनाया अहम फैसला, दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कारावास*
अलीगढ़ में एडीजे द्वितीय (पाक्सो) शिवानी सिंह की अदालत ने मिशन शक्ति के तहत पांच साल पहले हुए किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। खास बात ये रही कि मामले में पीड़िता समेत कई गवाह पक्षद्रोही हो गए थे।बावजूद अदालत ने पीड़िता के 164 के बयानों के आधार पर दोषी को दंडित किया। विशेष लोक अभियोजक रघुवंश शर्मा के मुताबिक, बन्नादेवी क्षेत्र के एक इलाके में रहने वाले व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि वे मूलरूप से अकराबाद के रहने वाले हैं। यहां किराए के मकान में रह रहे थे।
15 जुलाई 2017 की दोपहर करीब दो बजे मकान मालिक का बेटा योगेश उर्फ छोटू उनकी 13 वर्षीय बेटी को उसके कमरे से जबरन अपने कमरे में ले गया। जान से मारने की धमकी देकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। चीखने की आवाज सुनकर किशोरी के स्वजन ने दरवाजा खुलवाकर उसे बाहर निकाला। पुलिस ने योगेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके चार्जशीट दाखिल की,विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि केस में पीड़िता समेत कई गवाह मुकर गए। लेकिन, अदालत ने पीड़ित के मजिस्ट्रेट के समक्ष हुए 164 के बयानों को आधार पर मानते हुए योगेश को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पूरी धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए हैं।
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