शुक्रवार, 25 नवंबर 2022

मेरठ में पिता ने बेटे को नशा करने से रोका तो उसने खुद को गोली से उड़ा दिया। युवक परिवार का इकलौता बेटा बताया जा रहा है। पिता से कहासुनी के बाद युवक तमंचा लेकर बाग की ओर भागने लगा। पिता समेत अन्य परिजन भी उसकी ओर दौड़े। उसे बार-बार समझाते रहे लेकिन वह नहीं माना।घटना जिले के परीक्षितगढ़ आसिफाबाद इलाके की है। घटना गुरुवार सुबह की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आसिफाबाद के डबलपुर, सुल्तानपुर निवासी बगीचा सिंह अपने बेटे बलदेव सिंह (30) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहते हैं। बलदेव परिवार का इकलौता बेटा था। बलदेव की शादी भी हो चुकी थी। बलदेव के परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटियां और 1 बेटा हैं। बलदेव अक्सर नशा करता था, वह कोई काम नहीं करता था। बगीचा सिंह खेती-किसानी कर किसी तरह परिवार का खर्च चलाते हैं। बेटे की नशे की लत से पूरा परिवार परेशान था। अक्सर इसे लेकर परिवार में झगड़े होते थे।
स्थानीय लोगों ने बताया "गुरुवार की सुबह बलदेव नशे में था। पिता बगीचा सिंह उसे डांट-फटकार रहे थे। इस पर वह पिता से झगड़ने लगा। परिवार के अन्य लोगों ने बलदेव को समझाने की कोशिश की। इस पर वह गुस्से में आ गया। सभी से झगड़ने लगा। जान देने की बात कहने लगा। इसके बाद कुछ ही देर में तमंचा लेकर पहुंच गया। कहने लगा मैं आज मर जाऊंगा। इसके बाद घर के पास एक बगीचे की ओर तमंचा लेकर दौड़ लगा दी। उसके पिता और परिवार के अन्य लोग भी उसके पीछे दौड़े। परिजन बार-बार उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे। उसे समझा रहे थे। ग्रामीणों भी उसे रोक रहे थे। इसके बावजूद वह नहीं माना। परिजनों के सामने ही उसने खुद को गोली मार ली। मौके पर ही उसकी मौत हो गई"घटना की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बेटे की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बलदेव के पिता बगीचा सिंह ने बताया "बलदेव नशा करता था। अक्सर शराब पीकर घर चला आता था। कई बार उसे समझाया, पर वह सुधरने को तैयार नहीं था। उसे उसके बच्चों का वास्ता दिया। बार-बार कहते रहे कि बेटा नशा मत कर इससे जिंदगी तबाह हो जाएगी। वह नशे में गांव के लोगों से भी झगड़ पड़ता था। बेटे से कहते रहे कि तुम्हारी आदतों से गांव के लोगों से दुश्मनी हो जाएगी। इसके बावजूद वह नहीं माना। उसने आत्महत्या कर जान दे दी।"
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