- वर्ल्ड लीवर डे आज - 60 एमएल से ज्यादा शराब का सेवन हो सकता है खतरनाक : डा. संजीव मिगलानी | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 19 अप्रैल 2023

वर्ल्ड लीवर डे आज - 60 एमएल से ज्यादा शराब का सेवन हो सकता है खतरनाक : डा. संजीव मिगलानी

सहारनपुर:लीवर हमारे शरीर का सबसे मुख्य अंग है, यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है तो समझिये कि खतरे की घंटी बज चुकी है। वर्तमान में आधुनिक जीवन शैली और महानगरों की चकाचौंध में लीवर की बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। सबसे ज्यादा एल्काहोलिक लीवर के मरीज सामने आते है, जिसका सबसे बड़ा कारण शराब का अत्याधिक मात्रा में सेवन करना है। विशेषज्ञों की माने तो 60 एम.एल. यानि दो पैक स्माल से ज्यादा शराब का सेवन करने से लीवर की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की माने तो प्रतिवर्ष दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत लीवर की बीमारी के कारण होती है। हर 19 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लीवर डे मनाया जाता है। महानगर के वरिष्ठ फिजीशियन डा. संजीव मिगलानी का कहना है कि शरीर में लीवर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है। जो ब्लड़ को छानने के साथ टोसिक केमिकल को दूर करता है, खून का थक्का बनने में मदद करता है, शरीर की बैट्री की तरह कार्य करता है और जरूरत पड़ने पर शुगर रिलीज करता है, कई तरह के इंफैक्शन को भी रोकता है। डा. मिगलानी की माने तो जिले में आये दिन लीवर की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यदि समय रहते इसकी जांच नहीं कराई जाती तो ये जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसा नहीं है कि लीवर की बीमारी के लिए मात्र शराब ही जिम्मेदार है, इससे कई अलग भी कई अन्य कारणों से लीवर की बीमारी हो सकती है। एल्कोहलिक लीवर डिजीज जो लोग शराब "का सेवन करते हैं। उनके पांच से छह साल एल्कोहलिक लीवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए शराब का कम से कम सेवन करना चाहिए। किसी भी स्थिति में 60 एमएल यानि दो पैक से ज्यादा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। फैटी लीवर डिजीज जो लोग ज्यादा फैटी भोजन, मांस,पिज्जा, डोसा, जंक फूड का सेवन करते है, या पांच घंटे से ज्यादा बैठकर काम करते है तो उनमें भी लीवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। दर्द निवारक दवाएं के सेवन से अधिक या डाक्टर की बिना सलाह के बाल दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने से भी लीवर की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाईपेटाइटिस एबीसी के कारण भी लीवर की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लक्षण -आंखों एवं पेशाब में पीलापन - पेट में दर्द होना,पेट का फूलना - शरीर में थकान रहना। -लैट्रीन का काला आना।

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