मेरठ नगर निगम चुनाव में बसपा ने हशमत मलिक को मैदान में उतारा है। पार्टी मुस्लिम चेहरा हशमत पर भरोसा जताते हुए उसे मेयर पद का चुनाव लड़ाएगी। देर शाम लखनऊ में पार्टी हाईकमान की तरफ से हशमत मलिक के नाम पर मुहर लग गई। बता दें कि बसपा से जाट, गुर्जर सहित अन्य बिरादरी के भी मेयर के टिकट की रेस में थे। लेकिन पार्टी हाईकमान ने हशमत के नाम पर मोहर लगा दी है।बसपा जिलाध्यक्ष मोहित आनंद ने बताया कि पार्टी ने हशमत मलिक को मेयर का टिकट दिया है।
जल्द पार्षदों, अध्यक्ष व सदस्यों के उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी की जाएगी।बसपा से मेयर कैंडिडेट हशमत मलिक की पार्टी के पुराने सिपेहसालारों में गिनती होती है। बसपा के टिकट पर तीन बार वार्ड 86 से पार्षदी का चुनाव जीता। पूर्व सांसद और मेयर शाहिद अखलाक के करीबियों में भी हशमत की गिनती होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी ने जातीय समीकरणों के अलावा पुराने नेता के नाते हशमत को टिकट दिया है। हालांकि बीच में हशमत टिकट न मिलने से नाराजगी के कारण रालोद में चले गए थे। बाद में पार्टी में वापसी कर ली। अब पार्टी ने मेयर का टिकट भी दे दिया है।बसपा प्रत्याशी हशमत का स्क्रैप का मुख्य कारोबार है। वहीं बसपा सरकार में पार्षद रहते हुए विवादों से भी कई बार नाम जुड़ा। मेरठ में लगभग 6 साल पहले गद्दी और मलिक बिरादरी के बीच हुए आपसी झगड़े में भी हशमत मलिक का नाम चर्चा में आया था। झगड़े में दोनों बिरादरियों के बीच गोलियां चली थी, 2 लोगों की हत्या भी हुई थी।
मलिक और अब्बासी समाज के झगड़े में भी हशमत का नाम सुर्खियों में रहा था।बता दें कि मेरठ महापौर चुनाव के लिए अब केवल भाजपा के कैंडिडेट का नाम सामने आना बाकी है। सपा ने विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दिया है। कांग्रेस से नसीम कुरैशी, आप पार्टी से ऋचा सिंह का नाम घोषित हो चुका है। मुख्य दलों में केवल भाजपा प्रत्याशी का नाम आना बाकी है। वहीं रालोद ने भी सपा के सामने अपने सिंबल पर मेयर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि रालोद 21 अप्रैल तक प्रत्याशी घोषित कर देगी।बसपा ने मेयर चुनाव के लिए मुस्लिम पर दांव खेला है। कांग्रेस पहले ही मुस्लिम चेहरा नसीम कुरैशी को मैदान में उतार चुकी है। इस बार मेयर चुनाव में मुस्लिम कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों में बंट जाएगा। सपा का मुसलमान भी सीमा प्रधान को वोट देगा।
हालांकि विधायक रफीक अंसारी की पत्नी को टिकट न मिलने के कारण अंसारियों में सीमा प्रधान का खासा विरोध है। बसपा ने मेयर चुनाव के लिए मुस्लिम पर दांव खेला है। कांग्रेस पहले ही मुस्लिम चेहरा नसीम कुरैशी को मैदान में उतार चुकी है। इस बार मेयर चुनाव में मुस्लिम कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों में बंट जाएगा। सपा का मुसलमान भी सीमा प्रधान को वोट देगा। हालांकि विधायक रफीक अंसारी की पत्नी को टिकट न मिलने के कारण अंसारियों में सीमा प्रधान का खासा विरोध है।
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