- पति पत्नी दोनों काम करते हैं , एक - दूसरे को वक्त नहीं देते , फिर तलाक मांगते हैं : सुप्रीम कोर्ट | सच्चाईयाँ न्यूज़

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

पति पत्नी दोनों काम करते हैं , एक - दूसरे को वक्त नहीं देते , फिर तलाक मांगते हैं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तलाक की मांग कर रहे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपती से कहा है कि वे शादी को कायम रखने के लिए एक और मौका खुद को क्यों नहीं देना चाहते, क्योंकि दोनों ही अपने रिश्ते को समय नहीं दे पा रहे थे.न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा, ''वैवाहिक संबंध निभाने के लिए समय (ही) कहां है. आप दोनों बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. एक दिन में ड्यूटी पर जाता है और दूसरा रात में. आपको तलाक का कोई अफसोस नहीं है, लेकिन शादी के लिए पछता रहे हैं. आप वैवाहिक संबंध कायम रखने के लिए (खुद को) दूसरा मौका क्यों नहीं देते.” न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि बेंगलुरू ऐसी जगह नहीं है, जहां बार-बार तलाक होते हैं और दंपती एक-दूसरे के साथ फिर से जुड़ने का एक और मौका दे सकते हैं. हालांकि, पति और पत्नी दोनों के वकीलों ने पीठ को बताया कि इस याचिका के लंबित रहने के दौरान संबंधित पक्षों को आपसी समझौते की संभावना तलाशने के लिए शीर्ष अदालत के मध्यस्थता केंद्र भेजा गया था. पीठ को सूचित किया गया कि पति और पत्नी दोनों एक समझौते पर सहमत हुए हैं, जिसमें उन्होंने कुछ नियमों और शर्तों पर हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13बी के तहत आपसी सहमति से तलाक द्वारा अपनी शादी को समाप्त करने का फैसला किया है. वकीलों ने पीठ को सूचित किया कि इन शर्तों में से एक यह है कि पति स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में पत्नी के सभी मौद्रिक दावों के पूर्ण और अंतिम निपटान के लिए कुल 12.51 लाख रुपये का भुगतान करेगा. शीर्ष अदालत ने ऐसी परिस्थितियों में कहा, ''हम संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हैं और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13बी के तहत आपसी सहमति से तलाक के निर्णय की पृष्ठभूमि में दोनों पक्षों के बीच विवाह संबंध को समाप्त करने की अनुमति देते हैं.''

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