गुजरात|श्रीमद भागवतादिक शास्त्र कथन अनुसार अक्षयतृतीया के शुभ दिन पर किया गया यद्किन्चित दानादिक धार्मिक कर्म अक्षय फल प्रदायक होता है। उस विधान को शिरोधार्य कर कर श्री स्वामिनारायण मंदिर लोयाधाम जर्णोधारक परम पूज्य गुरुजीश्री धनश्यामप्रकाश दासजी स्वामी की असीम प्रेरणासे दिनांक २२ / ४ / २३ शनीवार अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर "श्री घनश्याम पद यात्रा " का शुभ आयोजन हुआ ।
श्री बालस्वरूप घनश्याम महाराज की प्रसन्नता रूप फल प्राप्त करने हेतु श्री लोयाधाम के आसपास के र्गांव स्थित लगभग १२५ से ज्यादा भक्तजनो ने पदयात्रा का दिव्य लाभ प्राप्त किया । बोडी गांव से भगवान श्री स्वामिनारायण चरणाविंद से अंकित शाकोत्सव प्राग्टय भूमि श्री लोयाधाम तक पदयात्रिकजनो पहोंचने पर उन्होने अत्यंत धन्यता की अनुभूति महसूस की । श्री लोयाघाम के संत जनोने भजनभक्ति एवं कथावार्ता से पदयात्राको विशेषतः भक्तिमयी बनाई ।
पदयात्रा की पूर्णाहूति के अवसर पर पूज्य पाद गुरुजी ने आर्शिवचन मे सभी पदयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि, " पदयात्रा मे प्रतिपद एक एक अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है । हम सबने प्रभु प्रसन्नता रूपी अक्षय फल प्राप्त किया । " लोयाधाम मंदिर नूतन निर्माण कार्य में आज का दिन बहूत ऐतिहासिकता से युक्त रहा । आज मार्बल पथ्थर की प्रथम सिलिंग की पूजन पूज्य चरण श्रीमहंत स्वामी के शुभ कर कमलों से हुआ । और वह 108 Feet उर्चाई को छूने वाला नूतन मंदिर पर प्रस्थापित करने से आज का दिन समग्र स्वामिनारायण संप्रदायों के अनुयायियों एवं लोयाधाम परिवार के भक्त जनो के लिए गौरवांवित हुआ | अस्तु ।
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