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बुधवार, 17 मई 2023

विकास की बात : कैसे हो कूड़ा निस्तारण ... पांच हजार करोड़ के जुर्माने की चेतावनी पर भी गंभीर नहीं लापरवाह अफसर

 मेरठ के लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ पर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की ओर से पांच हजार करोड़ के जुर्माने की चेतावनी के बावजूद नगर निगम के अफसर गंभीर नहीं हैं। इस बारे में 30 दिन में जवाब तलब करने के बावजूद न तो कूड़े का निस्तारण किया गया और न ही कोई जवाब ही दिया गया है।कुछ अधिकारी निकाय चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर अपना बचाव कर रहे हैं। अब निगम की पहली बोर्ड बैठक के बाद से कूड़े के पहाड़ के निस्तारण के दावे फिर से किए जा रहे हैं। वहीं, आशंका है कि एनजीटी की टीम फिर से निरीक्षण के लिए आ सकती है।

11 मई 2023 को एनजीटी की टीम ने लोहियानगर में निरीक्षण किया था। यहां कूड़े का पहाड़ और भूगर्भ जल प्रदूषित होने की रिपोर्ट पर एनजीटी कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें निगम के अधिकारियों को फटकार लगी थी। नगर आयुक्त पर भी कड़ी टिप्पणी की गई थी। एनजीटी ने जुर्माना की चेतावनी भी दी थी। दरअसल, ऐसी शिकायतें मिलती रही हैं कि लोहियानगर में प्लांट से जुड़े सामान के खर्च का भुगतान सेटिंग से कराया जाता है। यहां जो प्लांट लगा है, वह सिर्फ बैलेस्टिक सेपरेटर श्रेणी का है, जो कूड़े का निस्तारण नहीं करता है। इसकी जानकारी लगने पर एनजीटी की टीम फिर से निरीक्षण करने आ सकती है।

निगम क्षेत्र में रोजाना 1200 टन कूड़ा, नहीं हो रहा निस्तारण

नगर निगम क्षेत्र में करीब 1200 टन कूड़ा रोजाना होता है। वर्ष 2017 में यह करीब 800 टन था। कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के आर्गेनिक रिसाइकिलिंग सिस्टम लिमिटेड कंपनी के बीच 25 साल का अनुबंध हुआ था। इसके बावजूद दूसरी कंपनी आईएलएंडएफएस को ठेका दिया गया था।

आर्गेनिक रिसाइकिलिंग कंपनी हाईकोर्ट चलीं गई। वहीं, पांच जनवरी 2022 को आईएलएंडएफएस कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया गया है। नगर निगम ने एक एजेंसी को हायर कर विकास प्रधिकरण की जमीन पर कूड़े का निस्तारण कराने के लिए प्लांट लगाने का दावा किया है, लेकिन फिलहाल कूड़े की छंटनी (सूखे कचरे को अलग-अलग करना) ही की जा रही है। पूरी तरह निस्तारण नहीं हो रहा है।

एनजीटी से एक महीने का समय मिला हुआ है। नगर निगम जल्द ही कूड़े के पहाड़ का निस्तारण कराएंगा और उसकी रिपोर्ट एनजीटी को देंगे। निकाय चुनाव संपन्न हो गया है, अब इसको लेकर ही नगर निगम काम करेंगा। - प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त

कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं करने पर ग्राम प्रधानों को नोटिस

स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं करने वाली पांच ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। जवाब नहीं देने पर सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।

सरकार ने पांच हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था के लिए लाखों रुपये धन जारी किया हुआ है। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिले की कई ग्राम पंचायतों में अच्छा कार्य किया जा रहा है, लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों में कार्य की प्रगति बेहद खराब है। न तो सरकारी धन का उपयोग किया गया है और न ही धरातल पर काम हुआ है। प्रशासन ने टीम लगाकर जांच कराई तो जिले की मवाना खुर्द, भैसा, बिजौली, सौंदत, सफियाबाद लौटी और कमालपुर में कूड़ा निस्तारण पर उपयुक्त काम न किए जाने की रिपोर्ट सामने आई।

जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि इन सभी गांवों के ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन सभी ग्राम पंचायतों को समय से धन जारी कर दिया गया था, लेकिन अभी तक कूड़ा निस्तारण पर काम पूरा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023-24 चल रहा है। इसमें कूड़ा निस्तारण सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। अगर एक माह में कार्य पूरा नहीं किया तो लापरवाही बरतने वाले ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।



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