मंगलवार, 2 मई 2023

डांग जिले के मुख्यालय आहवा से करीब 8 कि.मी की दूरी पर स्थित निलशाक्य गांव में शोर्ट सर्किट से विधवा सोनायबेन महाला के घर में आग लग गई। जिसमें घर का सारा सामान जल गया। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली सोनायबेन बेघर हो गई जब उसका घर जल गया। बरसात के दिनों में बरसाती खेती और मजदूरी कर दो टन रोटी जुटाने वाले सोनायबेन के पति का 10 साल पहले अचानक देहांत हो गया। और दूसरी बार सारी जिम्मेदारी उन्हीं पर आ गई। छत का आश्रय जब घर अचानक जल गया। सोनायबेन की मुसीबत के समय सरकार का आदिवासी विकास विभाग उनकी शरणस्थली बना
जब आदिवासी विकास विभाग को इस बात का पता चला तो उन्होंने बेघर विधवा महिला को तुरंत आश्रय देकर इंसानियत का परिचय दिया। सोनायबेन ने बताया कि जब घर का सारा सामान जल गया तो वे बेसहारा हो गए। तभी गांव के एक जागरूक नागरिक ने मुझे समाज कल्याण विभाग में जाकर आवेदन करने को कहा। जब उन्होंने आवेदन किया, तो उनके आवास को तुरंत मंजूरी दे दी गई। जिसके लिए उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया। डांग जिला आदिवासी विकास अधिकारी श्री आर.ए. कनुजा एवं सहायक आदिवासी विकास अधिकारी श्री सी एस भोवरे ने मौके पर जाकर महिला एवं उसके परिवार का दौरा किया।
और वनबंधु कल्याण योजना के तहत व्यक्तिगत आधार पर आवास सहायता योजना स्वीकृत कर महिला को आदेश सौंपा. श्री कनुजा ने कहा कि सरकार गरीबों के साथ है। प्राकृतिक आपदा के समय या आकस्मिक आपदा की स्थिति में और एक परिवार बेघर हो जाने की स्थिति में, सरकार का आदिवासी विकास विभाग व्यक्तिगत आधार पर आवास प्रदान करने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकता है। सोनायबेन महाला ने आवास को मंजूरी देते समय सरकार के मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिभी आभार व्यक्त किया।
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