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ओमप्रकाश जैन
नागल। भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने कहा कि आजादी के बाद से ही किसानों की मूल समस्याओं का समाधान न होने के कारण ही किसान आर्थिक तंगी का दंश झेलता रहा है। इसका एकमात्र समाधान एमएसपी घोषित हो अथवा किसानों को फसलों की लागत कम करने को यंत्र बीज व खाद पर छूट दी जाए।
नागल में भाटखेड़ी रोड स्थित एक पैलेस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जिससे किसान त्राहि त्राहि कर रहा है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 11 जिलों में तमाम तरह की सब्सिडी दी जा रही है, जबकि शेष जिलों के किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश के किसानों से तुलना की जाए तो यूपी में किसानों के लिए बिजली निशुल्क कर दी गई है, जबकि उत्तराखंड में बिजली के दाम में 15% की बढ़ोतरी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सर्किल रेट में भी बढ़ोतरी की जा रही है। इन सभी मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन क्रांति 11 जून को रुड़की के डीएवी कॉलेज मैदान में महापंचायत आयोजित करेगी, जिसमें हमारा उद्देश्य एक लाख किसानों को पंचायत में शामिल करना है। इसके लिए हम एक मुट्ठी अनाज अन्नदाता के नाम की मुहिम भी चला रहे हैं जिससे वहां पहुंचे किसानों के लिए भोजन तैयार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू करें जिससे हर बच्चे को बराबर पढ़ने का मौका मिले। इस दौरान उन्होंने मोहित चौधरी को भारतीय किसान यूनियन क्रांति का जिलाध्यक्ष मनोनीत करने की घोषणा की।
उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र मनीनवाल ने कहा कि हमारा संगठन क्रांति में विश्वास रखता है जब तक सभी किसान एकजुट होकर अपने हकों के लिए संघर्ष नहीं करेंगे तब तक किसानों का शोषण होता रहेगा। उन्होंने कहा कि 11 जून की रुड़की महापंचायत के बाद बजाज शुगर मिल गांगनौली पर गन्ना भुगतान को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और जब तक गन्ने का भुगतान नहीं होगा हम वहां से उठने वाले नहीं हैं। नव मनोनीत जिलाध्यक्ष मोहित चौधरी ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वे उसे पूरा करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।किसान हितों के लिए संघर्ष करना ही अब उनका मकसद रहेगा। कार्यक्रम में चौधरी राजवीर सिंह, विनोद प्रजापति, मुकेश कंबोज, प्रमोद शर्मा, तौफीक अहमद,अनिल चौधरी, मनोज सैनी, कदम सिंह सुरेश कुमार सुनील चौधरी, कुलदीप सिंह आदि ने भी विचार रखे। बाद में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने कहा कि लागत से कम मूल्य पर किसान अपनी उपज बेचने के कारण ही कर्जदार रहता है। जब तक सरकार कम लागत पर अधिक उत्पादन करने को किसान की सहायता नहीं करेगी तब तक किसान की हालत में सुधार होना संभव नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में किसान यूनियनों की कमी नहीं है लेकिन उनकी यूनियन सबसे अलग है। हम किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी किसानों के समकक्ष सम्मान देते हैं।
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