तुम पिता तो ठीक इंसान ही नहीं हो...तुम हैवान हो या जानवर हो! तुम्हें समाज में रहने का अधिकार नहीं है। तुम अपनी अंतिम सांस तक जेल की सलाखों के पीछे रहोगे। ऐसी सख्त टिप्पणी के साथ मप्र के सागर जिले की खुरई कोर्ट ने एक पिता को जेल भेज दिया।
सागर जिले की खुरई तहसील में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आशीष कुमार शुक्ला की कोर्ट ने एक हैवान पिता को अपनी 11 साल की बेटी से दुष्कर्म करने का आरोपी पाते हुए उसे अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते समय न्यायाधीश भी उसके गुनाह को देखकर काफी दुखी और गुस्से में थे। उन्होंने सजा सुनाते हुए कहा कि तुम इंसान नहीं हो, हैवान हो या जानवर हो।
जिला लोक अभियान अधिकारी वृंदा चौहान ने बताया कि बीते 2 अप्रैल को बांदरी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली महज 11 साल की एक बच्ची थाने पहुंची थी। उस मासूम ने रोते हुए पुलिस ककके सामने के सामने अपने पिता द्वारा उससे बीते छह महीने से की जा रही ज्यादती की कहानी सुनाई थी। मासूम बेटी की शिकायत के बाद आरोपी पिता पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने आरोपी पिता को सजा सुनाते हुए बेटी और उसके दो भाइयों के पुनर्वास के लिए क्षतिपूर्ति राशि के रुप में 6 लाख रुपए दिए जाने का भी आदेश दिया।
मां काफी पहले चल बसी, बेटी को साथ सुलाता था
कोर्ट में प्रस्तुत किए गए अभियोजन के अनुसार पीड़ित मासूम की मां काफी पहले चल बसी थी। उसके दो भाई भी है। पिता मजदूरी करता था। वह रात में घर आता तो दोनों बेटों को दूसरे कमरे में सुलाता था और बेटी को देखभाल का बहाना बनाकर अपने पास सुलाता था। पिता ने अपनी बेटी से दुष्कर्म के बाद उसे किसी को कुछ भी बताने से मना करते हुए धमकाया था। जान से मारने तक की धमकी दी थी। जब छह महीने तक पिता ज्यादती करता रहा तो बेटी ने हिम्मत करके पुलिस थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया था।
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