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सोमवार, 17 जुलाई 2023

मेरठ कांवड़ हादसा: जख्म तो भर जाने देते! 24 घंटे में ही MD ने जेई - लाइनमैन को दी क्लीन चिट

 मेरठ के राली चौहान गांव में 11000 वोल्ट की हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से 6 कांवड़ियों की मौत के बाद विजली विभाग के जेई (JE) पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाये गये थे लेकिन विद्युत विभाग की एमडी ने 24 घंटे के अंदर ही अपने विभाग को क्लीन चिट दे दी.

उन्ंहोंने कहा कि शट डाउन के लिए कोई फोन नहीं आया था जैसा कि हादसे के बाद कांवड़ियों ने आरोप लगाया था.

मेरठ विद्युत विभाग की एमडी पावर चेत्रा वी ने कहा है कि हादसे में बिजली विभाग की तरफ से कोई लापरवाही नहीं की गई थी. एमडी पावर चेत्रा वी ने पूरे मामले में कांवडियों को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्होने कहा कि कांवड़ की ऊंचाई ज्यादा होने के चलते ये हादसा हुआ है. इसमें गलती कांवड़ियों की है. विद्युत विभाग पर उनका गुस्सा ठीक नहीं.

हादसे की जांच का दिया गया था आदेश

कमिश्नर सेल्वा कुमारी ने डीएम दीपक मीणा को इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने के लिए आदेश दिया था. लेकिन कमेटी के फैसले से पहले ही पीवीवीएनल की एमडी आईएएस चेत्रा वी ने खुद के विभाग के जेई और लाइनमैन को निर्दोष बताया है. हादसे के 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि कावड़ियों ने न तो कोई लिखित में शट्डाउन मांगा था और ना ही कोई फोन कर के शट डाउन की मांग की थी.

एमडी पावर चेत्रा वी ने ये भी कहा है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ये आदेश दिए गए थे कि कोई भी कांवड़ 12 फीट से ज्यादा की नहीं होगी. इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि हादसे में शामिल कांवड़ियों के कांवड़ों की ऊंचाई 12 फीट से ज्यादा थी. एमडी पावर ने कहा कि बिजली विभाग की संपत्ति जैसे ट्रांसफार्मर,पोल,तार इसमें बिजली चलती रहती है और आम आदमी को हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए.

शनिवार को हुआ था हादसा

बीते शनिवार को रात करीब 8:15 बजे मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव में कांवड़िये की ट्रॉली 11,000 हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई थी. जिसमें 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, इनमें से 3 बच्चे भी थे. हादसे के बाद कांवड़ियों और चश्मदीद ग्रामीणों ने विद्युत विभाग की लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया था. साथ ही जेई और लाइनमैन के खिलाफ धरना दिया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

कांवड़िए और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि विद्युत विभाग के जेई और लाइनमैन को फोन करके शटडाउन मांगा गया था. दोनों कर्मचारियों की गलत जानकारी के वजह से यह हादसा हो गया.

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