बुधवार, 5 जुलाई 2023

Karnataka HC-Wife Cannot Sit Idle: कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में भरण-पोषण और मुआवजे की राशि के एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि एक पत्नी, जो पहले नौकरी करती थी, बेकार नहीं बैठ सकती और अगल हुए पति से पूरा भरण-पोषण नहीं मांग सकती, बल्कि उसे अपनी आजीविका के लिए कुछ प्रयास करने चाहिए.
दरअसल कोर्ट एक महिला और उसके बच्चे की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सत्र अदालत ने उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें महिला को दिए जाने वाले गुजारा भत्ते को ₹10,000 से घटाकर ₹5,000 और मुआवजे को ₹3,00,000 से घटाकर ₹2,00,000 कर दिया गया था.
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