अहमदाबाद: गुजरात के गांधीनगर में एक शख्स ने बीवी के सामने खुद को एनआईए का 'सीक्रेट एजेंट' होने का ऐसा रोब गांठा कि अब उसे हवालात में जाना पड़ा है। जी हां, 31 साल के गुंजन कांतिया ने बीवी के सामने एनआईए का 'सीक्रेट एजेंट' होने का झूठ दावा करते हुए सपने में नहीं सोचा होगा कि उसका फरेब एक दिन इतना भारी पड़ेगा कि उसे जेल जाना होगा।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार गुंजन कांतिया ने बीते मंगलवार शाम में बीवी के सामने एनआईए का 'सीक्रेट एजेंट' होने का ढोंग रचा और उसे साबित करने के लिए वो बाकायदा एसपी रोड स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कार्यालय में गया। गुंजन ने दफ्तर में जाने से पहले अपनी पत्नी को दफ्तर के बाहर कार में छोड़ दिया ताकि वो देख सके कि उसका पति सीक्रेट एजेंट है।
गुंजन अपनी बीवी के सामने इस बात को साबित करना चाहता था कि वो एक सीक्रेट एजेंट की पत्नी है, लेकिन कांतिया बीवी को इंप्रेस करने के चक्कर में यह भूल गया कि वहां उसका पाला असली अधिकारियों से पड़ सकता है। जिन्होंने एक झटके में इस बात को समझ लिया कि गुंजन द्वारा पेश की गई आईडी नकली है और फिर उन्होंने उसे दबोचकर पास के गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) दफ्तर में ले गये।
गुंजन कांतिया को एनआईए के साथ जालसाजी करने के संबंध में एनआईए अधिकारी ने बताया कि वो परले दर्जे का ठग है और वह गांधीनगर के मनसा तालुका के आलोआ गांव का रहने वाला है। फर्जी सीक्रेट एजेंट कांतिया मनसा में एक वीजा कंसल्टेंसी फर्म चलाता है।
इस मामले का खुलासा करते हुए सोला पुलिस के इंस्पेक्टर जेबी अग्रावत ने कहा, "गुंजन कांतिया इस वजह से पकड़ा गया क्योंकि खुद उसकी बीवी को भरोसा नहीं हो रहा था कि वो एनआईए में सीक्रेट एजेंट है। गुंजन अपने दावे पर साबित करने के लिए मंगलवार शाम को यह कहते हुए उसे बाहर घुमाने ले गय़ा कि उसे कुछ देर के लिए एनआईए के दफ्तर में कुछ काम है, इसलिए वो कुछ समय के लिए दफ्तर में रुकेगा। उसके बाद उसने अपनी कार एनआईए कार्यालय के बाहर खड़ी कर दी, लेकिन दफ्तर में घुसने के क्रम में ही वो अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया।"
इंस्पेक्टर अग्रावत ने बताया कि कांतिया फर्जी आईकार्ड के सहारे करीब चार साल से बीवी के सामने रोब गांठ रहा था। इस संबंध में गुजरात एटीएस के पुलिस अधिकारी केबी देसाई द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है, "गुंजन के पास से बरामद हुए जाली आईडी कार्ड में उनका नाम और सब-इंस्पेक्टर (प्रतिनियुक्ति) के रूप में उनकी रैंक दिखाई गई थी। इस कार्ड को जारी करने की तारीख 14 मार्च 2018 दी गई है।"
उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि कांतिया के पास न केवल एनआईए का बल्कि कई अन्य सरकारी विभागों के भी फर्जी आईडी भी हैं। इंस्पेक्टर अग्रावत के अनुसार गुंजन कांतिया ने अपनी पत्नी से कहा था कि उसके पास अन्य विभाग की आईडी इस कारण है ताकि वो एनआईए के सीक्रेट एजेंट के तौर पर अपनी'असली नौकरी' को छिपा सके।
पुलिस ने बताया कि गुंजन कांतिया ने फर्जी आईडी बनाने के लिए एनआईए लोगो और अन्य सरकारी विभागों में उच्च पदस्थ अधिकारियों के हस्ताक्षर डाउनलोड किए थे। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान कांतिया ने पुलिस को बताया कि उसने इन कार्डों का इस्तेमाल कई जगहों पर काम करवाने और सर्किट हाउस में रहने के लिए किया था।
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