अंतरिक्ष में कई ग्रह और सितारे मौजूद हैं. वहीं, कुछ नए सितारे बनते रहते हैं और पुराने खत्म होते रहते हैं. अब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में सितारों और ग्रहों के साथ ही शराब के बादल भी मिले हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष में मिला ये अल्कोहल का भंडार सूक्ष्म आणविक रूप में हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये अंतरिक्ष में प्रोपेनॉल के रूप में अब तक के सबसे बड़े अल्कोहल अणु की खोज है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रोपेनॉल अणु दो रूपों में पाया जाता है. पहला, सामान्य प्रोपेनॉल होता है, जो पहली बार उस क्षेत्र में मिला है, जहां सितारे बन रहे हैं. दूसरा, आइसो प्रोपेनॉल होता है, जो सैनेटाइजर बनाने में उपयोग होता है. आइसो प्रोपेनॉल को अभी तक आकाशगंगा के बाहर अंतरिक्ष में नहीं खोजा गया था. वैज्ञानिकों की ये खोज उल्कापिंड और धूमकेतु के निर्माण का रहस्य जानने में काफी मदद कर सकती है. (Image: Quora)
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के एस्ट्रोकेमिस्ट रॉब गैरोड के मुताबिक, प्रोपेनॉल के दोनों रूपों का मिलना दोनों के गठन को निर्धारित करने में मददगार साबित होगा. दोनों में काफी समानता होती है. इसका मतलब है कि दो अणु एक ही समय में एक ही जगह पर मौजूद होने चाहिए. वैज्ञानिकों के अल्कोहल के अणु सितारों के पैदा होने वाले क्षेत्र सैगिटेरियस बी-2 में मिले हैं. ये क्षेत्र हमारी आकाशगंगा के केंद्र के करीब है. (Image: Wikimedia)
सैगिटेरियस बी-2 हमारी आकाशगंगा के बड़े ब्लैकहोल सैगिटेरियस-ए के करीब है. अंतरिक्ष में इस तरह का आणविक विश्लेषण 15 साल से चल रहा है. करीब 10 साल पहले चिली में अटाकामा लार्ज मिमी/सबमिमी एरे यानी अल्मा टेलीस्कोप तैनात किया गया. इसके बाद इस खोज ने रफ्तार पकड़ ली. अल्मा की मदद से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की गहराइयों तक साफ-साफ देखने में मद मिली. (File Photo)
अल्मा की मदद से शोधकर्ताओं को ऐसे अणुओं की पहचान करने में मदद मिली, जो पहले कभी दिखाई नहीं देते थे. शोधकर्ताओं के मुताबिक, अल्मा की मदद से सैगिटेरियस बी-2 में और ज्यादातर इंटरस्टेलर अणुओं की खोज की जा रही है. इसे पता लगाया जा सकेगा कि सितारे बनाने में किस तरह के अणु आपस में जुड़ते हैं. कार्बनिक अणु आइसो-प्रोपाइल साइनाइड और यूरिया भी अंतरिक्ष में मिल चुके हैं.
इससे पहले 2006 में अल्कोहल का 463 अरब किमी लंबा एक बादल भी खोजा गया थ. ये धरती से 6500 प्रकाश वर्ष दूर अंतरिक्ष में तैर रहा है. यह खोज ब्रिटेन के मर्लिन रेडियो दूरबीनों से की गई थी. खोजकर्ता टीम डब्ल्यू-3(ओएच) नाम के क्षेत्र की निगरानी कर रही थी. हमारी आकाशगंगा में इस जगह पर धूल और बादल गैस के गुरुत्वाकर्षण से तारे बनते हैं. वैज्ञानिकों को पता चला कि क्षेत्र में गैस के विशाल बादल हैं, जिनमें अल्कोहल के अणु हैं.
अंतरिक्ष में कई ग्रह और सितारे मौजूद हैं. वहीं, कुछ नए सितारे बनते रहते हैं और पुराने खत्म होते रहते हैं. अब वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में सितारों और ग्रहों के साथ ही शराब के बादल भी मिले हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष में मिला ये अल्कोहल का भंडार सूक्ष्म आणविक रूप में हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये अंतरिक्ष में प्रोपेनॉल के रूप में अब तक के सबसे बड़े अल्कोहल अणु की खोज है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रोपेनॉल अणु दो रूपों में पाया जाता है. पहला, सामान्य प्रोपेनॉल होता है, जो पहली बार उस क्षेत्र में मिला है, जहां सितारे बन रहे हैं. दूसरा, आइसो प्रोपेनॉल होता है, जो सैनेटाइजर बनाने में उपयोग होता है. आइसो प्रोपेनॉल को अभी तक आकाशगंगा के बाहर अंतरिक्ष में नहीं खोजा गया था. वैज्ञानिकों की ये खोज उल्कापिंड और धूमकेतु के निर्माण का रहस्य जानने में काफी मदद कर सकती है. (Image: Quora)
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के एस्ट्रोकेमिस्ट रॉब गैरोड के मुताबिक, प्रोपेनॉल के दोनों रूपों का मिलना दोनों के गठन को निर्धारित करने में मददगार साबित होगा. दोनों में काफी समानता होती है. इसका मतलब है कि दो अणु एक ही समय में एक ही जगह पर मौजूद होने चाहिए. वैज्ञानिकों के अल्कोहल के अणु सितारों के पैदा होने वाले क्षेत्र सैगिटेरियस बी-2 में मिले हैं. ये क्षेत्र हमारी आकाशगंगा के केंद्र के करीब है. (Image: Wikimedia)
सैगिटेरियस बी-2 हमारी आकाशगंगा के बड़े ब्लैकहोल सैगिटेरियस-ए के करीब है. अंतरिक्ष में इस तरह का आणविक विश्लेषण 15 साल से चल रहा है. करीब 10 साल पहले चिली में अटाकामा लार्ज मिमी/सबमिमी एरे यानी अल्मा टेलीस्कोप तैनात किया गया. इसके बाद इस खोज ने रफ्तार पकड़ ली. अल्मा की मदद से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की गहराइयों तक साफ-साफ देखने में मद मिली. (File Photo)
अल्मा की मदद से शोधकर्ताओं को ऐसे अणुओं की पहचान करने में मदद मिली, जो पहले कभी दिखाई नहीं देते थे. शोधकर्ताओं के मुताबिक, अल्मा की मदद से सैगिटेरियस बी-2 में और ज्यादातर इंटरस्टेलर अणुओं की खोज की जा रही है. इसे पता लगाया जा सकेगा कि सितारे बनाने में किस तरह के अणु आपस में जुड़ते हैं. कार्बनिक अणु आइसो-प्रोपाइल साइनाइड और यूरिया भी अंतरिक्ष में मिल चुके हैं.
इससे पहले 2006 में अल्कोहल का 463 अरब किमी लंबा एक बादल भी खोजा गया थ. ये धरती से 6500 प्रकाश वर्ष दूर अंतरिक्ष में तैर रहा है. यह खोज ब्रिटेन के मर्लिन रेडियो दूरबीनों से की गई थी. खोजकर्ता टीम डब्ल्यू-3(ओएच) नाम के क्षेत्र की निगरानी कर रही थी. हमारी आकाशगंगा में इस जगह पर धूल और बादल गैस के गुरुत्वाकर्षण से तारे बनते हैं. वैज्ञानिकों को पता चला कि क्षेत्र में गैस के विशाल बादल हैं, जिनमें अल्कोहल के अणु हैं.
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