जींद में नकली पुलिस कर्मचारी बनकर आने-जाने वाले लोगों को रुपये दोगुणा करने का झांसा देकर ठगी करने के छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 100-100 के नोटों की 25 गड्डी और दो फर्जी नंबर प्लेट बरामद हुई हैं।
पुलिस को मिली सूचना के अनुसार
पुलिस को सूचना मिली थी कि सफीदों रोड पर फ्लाईओवर के पास पांच-छह व्यक्ति खड़े हैं। इनमें से तीन लोग पुलिस की वर्दी पहने हुए हैं और कुछ एक आल्टो गाड़ी में बैठे हैं। यह लोग आने-जाने वाले लोगों को रुपये दोगुणा करने का झांसा देकर ठगी करते हैं। पुलिस ने टीम गठित कर मौके पर भेजी। पुलिस ने सभी को काबू कर लिया। इनमें इंस्पेक्टर की वर्दी में बैठे व्यक्ति ने अपना नाम बलविंद्र उर्फ बिंदर निवासी तितरम जिला कैथल बताया।
दूसरे व्यक्ति ने हरिदास निवासी गांव निर्जन और तीसरे ने राजीव उर्फ बंटी निवासी तितरम बताया। तीनों पुलिस की वर्दी में थे। जब उनकी आईडी मांगी गई तो वह दिखाने में नाकाम रहे और भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद आल्टो में सवार लोगों से पूछताछ की तो उनकी पहचान अनिल कैथल, दीपक तितरम और रमन जोगेंद्र नगर जींद के रूप में हुई। गाड़ी की तलाशी ली गई तो इसमें 100-100 के नोटों की 25 गड्डी बरामद हुई।
इनमें चेक किया गया तो गड्डी में ऊपर तथा नीचे असली नोट लगे रखे थे, जबकि बीच में कागज फंसाए हुए थे। गाड़ी में दो नकली नंबर प्लेट भी बरामद हुई। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह राहगीरों को नोट दोगुणा करने का झांसा देकर ठगने का प्लान बना रहे थे।
पहले नोट बदलने का देते थे झांसा, बाद में पुलिस बनकर पकड़ते थे
पुलिस की वर्दी पहने लोग गाड़ी में छिप जाते थे। अन्य लोग आने-जाने वाले लोगों को नकली नोटों की गड्डी दिखाकर दोगुणा करने का झांसा देते थे। जब कोई ग्राहक दोगुने नोट करने के लिए असली नोट लेकर आता तो पुलिस बने बदमाश सामने आ जाते थे और उसे पकड़ लेते थे। नोट बदलने के लिए आया व्यक्ति पुलिस में बात जाने के डर से उनको पैसे देकर निकल जाता था। योजना के अनुसार वह पैसों को आपस में बांट लेते हैं।
अधिकारी के अनुसार
छह लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें से तीन पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। गाड़ी से नकली नोटों की 25 गड्डियां बरामद हुई हैं। दोपहर बाद सभी को अदालत में पेश करके रिमांड लिया जाएगा, ताकि पता लगाया जा सके, इन्होंने अब तक कितने लोगों को ठगा है। -सुमित कुमार, एसपी, जींद।
एक टिप्पणी भेजें