वन नेशन, वन इलेक्शन' (One Nation, One Election) यानी 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर पूरे देश में गहमागहमी का माहौल है. केंद्र सरकार ने हाल ही में पूरे देश में एक साथ चुनाव (One Nation, One Election News ) कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है.
'रातोंरात बदलाव की कोशिश से दिक्कत'
बिहार के मुजफ्फरपुर में न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए 'PK' ने कहा, 'भारत जैसे देश में हर साल लगभग 25 फीसदी लोग मतदान करते हैं. इसलिए, सरकार चलाने वाले लोग चुनाव के इस चक्र में व्यस्त रहते हैं. अगर इसे 1-2 बार तक सीमित रखा जाए, तो यह बेहतर होगा. इससे खर्चों में कमी आएगी और लोगों को केवल एक बार ही निर्णय लेना होगा.' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार रातोंरात बदलाव की कोशिश करेगी तो दिक्कतें भी होंगी.
'देश के लिए रहेगा अच्छा'
उन्होंने कहा, 'अगर आप रातोंरात बदलाव की कोशिश करेंगे तो समस्याएं होंगी. सरकार शायद एक विधेयक ला रही है. इसे आ जाने दीजिए. अगर सरकार के इरादे अच्छे हैं, तो ऐसा होना चाहिए और यह देश के लिए अच्छा होगा... लेकिन यह निर्भर करता है कि जिस इरादे से सरकार इसे ला रही है, उस पर. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने बीते 1 सितंबर को 'एक देश, एक चुनाव' की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसमें आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की परिकल्पना की गई है.
सरकार ने 8 सदस्यीय समिति बनाई
सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए बीते शनिवार को 8 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की अधिसूचना जारी की. अधिसूचना में कहा गया है कि समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे और इसमें गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह सदस्य होंगे. हालांकि, बाद में शाम को गृह मंत्री शाह को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया.
उच्च स्तरीय समिति में पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी सदस्य होंगे. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में समिति की बैठकों में हिस्सा लेंगे, जबकि कानूनी मामलों के सचिव नितेन चंद्रा समिति के सचिव होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि समिति तुरंत ही काम शुरू कर देगी और जल्द से जल्द सिफारिशें करेगी, लेकिन इसमें रिपोर्ट सौंपने के लिए किसी समयसीमा का उल्लेख नहीं किया गया है.
(इनपुट: ANI)
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