केंद्र सरकार के द्वारा देश में बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए बड़े स्तर पर इंतजाम किया जा रहा है. इसके लिए एक तरफ जहां रिजर्व बैंक ने अपने ब्याज दरों को फरवरी से स्थिर रखा है.वहीं, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए चावल, प्याज आदि के आयात पर रोक लगा रखा है. इस बीच एक और बड़ी खबर आ रही है. केंद्र सरकार ने मसूर दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से प्रमुख मसूर दलहन की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने और घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए मसूर दाल (मसूर) पर वर्तमान प्रभावी शून्य आयात शुल्क की समयसीमा को मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है. हालांकि, सरकार ने तीन कच्चे खाद्य तेलों - पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल - पर मौजूदा आयात शुल्क संरचना को नहीं बढ़ाया है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, मसूर पर शून्य आयात शुल्क के साथ-साथ 10 प्रतिशत कृषि-बुनियादी ढांचा उपकर की छूट मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई है. मसूर पर यह छूट मार्च, 2024 तक वैध थी.
शनिवार, 23 दिसंबर 2023


Masoor Dal Price: गरीब की थाली से नहीं गायब होगी दाल, मोदी सरकार ने उठाया जबरदस्त कदम, सुनकर झूम उठेंगे आप
केंद्र सरकार के द्वारा देश में बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए बड़े स्तर पर इंतजाम किया जा रहा है. इसके लिए एक तरफ जहां रिजर्व बैंक ने अपने ब्याज दरों को फरवरी से स्थिर रखा है.वहीं, सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए चावल, प्याज आदि के आयात पर रोक लगा रखा है. इस बीच एक और बड़ी खबर आ रही है. केंद्र सरकार ने मसूर दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से प्रमुख मसूर दलहन की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने और घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए मसूर दाल (मसूर) पर वर्तमान प्रभावी शून्य आयात शुल्क की समयसीमा को मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है. हालांकि, सरकार ने तीन कच्चे खाद्य तेलों - पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल - पर मौजूदा आयात शुल्क संरचना को नहीं बढ़ाया है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, मसूर पर शून्य आयात शुल्क के साथ-साथ 10 प्रतिशत कृषि-बुनियादी ढांचा उपकर की छूट मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई है. मसूर पर यह छूट मार्च, 2024 तक वैध थी.
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