- Hit Run Law: ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से सूख गए 2000 पेट्रोल पंप, दिनभर रहा अफरा-तफरी का माहौल | सच्चाईयाँ न्यूज़

मंगलवार, 2 जनवरी 2024

Hit Run Law: ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से सूख गए 2000 पेट्रोल पंप, दिनभर रहा अफरा-तफरी का माहौल

 

कुछ ट्रक चालक ऐसोसिएशन की हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के मद्देजनर देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है।

इन राज्यों में ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है जिससे कई पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है। अगर तीन दिवसीय हड़ताल की अवधि बढ़ायी जाती है या अखिल भारतीय आंदोलन शुरू होता है तो सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। ‘हिट-एंड-रन' (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान है जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की।

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन' ने अब तक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है और इसके प्रतिनिधि बीएनएस के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलेंगे। ‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन' में ट्रक संचालकों के अलग अलग संघ शामिल हैं। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर दो-तीन दिनों तक का भंडार है और अगर हड़ताल घोषणा के मुताबिक, तीन दिन तक चलती है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल का समय बढ़ाया गया या अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया तो परेशानी होगी।

लगभग एक लाख ट्रक तेल कंपनी डिपो से पेट्रोल पंप और गैस वितरण एजेंसियों तक पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ एलपीजी की आपूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल से कुछ पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई है। उनके मुताबिक, एलपीजी ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। हालांकि, एलपीजी की कमी को लेकर अभी तक कोई शिकायत नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास दो कनेक्शन होते हैं और वे सिलेंडर अतिरिक्त भी रखते हैं।

महाराष्ट्र में, राज्य सरकार ने पुलिस से पेट्रोल और डीजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया, जबकि मध्य प्रदेश में लोगों को यात्रा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार से, प्रदर्शनकारियों ने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। ट्रक चालकों ने कहा कि ज्यादातर ट्रक चालक छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के बाद भी भाग जाते हैं क्योंकि उन्हें भीड़ द्वारा पीटने और अपनी जान का डर होता है।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर भीड़ को सजा नहीं मिलती जबकि चालकों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान अनुचित है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, कुल्लू-मनाली, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, ऊना और शिमला में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगी और ज्यादातर पंप ग्राहकों को ईंधन खत्म होने की वजह से लौटा रहे हैं। हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर के जिला अधिकारियों ने ईंधन की राशनिंग व्यवस्था (नियंत्रित बिक्री) के निर्देश जारी किए हैं, जबकि हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने मार्गों को तर्कसंगत बनाना शुरू कर दिया है। इसने कम व्यस्तता वाले 138 मार्गों पर बसों का परिचालन बंद कर दिया है।

हालांकि, मनाली में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन अगर हड़ताल जारी रही तो स्थिति और खराब हो सकती है। एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को ट्रक चालकों की मांगों को समझने की जरूरत है। हिमाचल में कुछ जगहों से ईंधन के लिए छोटी-मोटी झड़प की खबरें भी आईं। पूरे जम्मू-कश्मीर में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें रहीं।

जम्मू-कश्मीर पेट्रोल पंप मालिकों के संघ ने कहा कि जम्मू में 90 फीसदी पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं और अगले कुछ घंटों में सारा भंडार खत्म हो जाएगा क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख में ईंधन ले जाने वाले 1,500 टैंकर हड़ताल पर हैं। कश्मीर के मंडलीय आयुक्त वी के बिधूड़ी ने कहा, ''देशव्यापी हड़ताल का असर यहां भी है। लेकिन हमारे पास घाटी के डिपो में डीजल का 21 दिन का और पेट्रोल का 24 दिन का भंडार उपलब्ध है। एलपीजी का 20 दिनों का भंडार उपलब्ध है।” चंडीगढ़ प्रशासन ने ट्रक चालकों की हड़ताल की वजह से ईंधन आपूर्ति बाधित होने के मद्देनजर मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की राशनिंग व्यवस्था (नियंत्रित बिक्री) लागू करने के आदेश दिए।

आदेश के मुताबिक, अब दोपहिया वाहन एक बार में केवल दो लीटर और चार पहिया वाहन एक बार में पांच लीटर ईंधन भरवा सकेंगे। पंजाब और हरियाणा के पेट्रोल पंप पर मंगलवार को अफरातफरी का माहौल रहा और कतार में खड़े वाहन मालिक अपने-अपने वाहनों में ईंधन भरवाने की जद्दोजहद करते नजर आए। पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में सोमवार को ट्रक चालकों के प्रदर्शन की वजह से लगभग 4,000 पेट्रोल पंप पर ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई है। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग के सचिव पंकज शर्मा ने बताया कि लुधियाना में ट्रक चालकों के राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन के कारण माल की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि हरियाणा के अंबाला में कुछ पेट्रोल पंप ने पहले ही पेट्रोल और डीजल की कमी की सूचना दी है क्योंकि पिछले दो दिनों में कोई नयी आपूर्ति नहीं हुई है। मुंबई और ठाणे में पेट्रोल पंपों के बाहर भारी भीड़ देखी गई क्योंकि लोग ईंधन की कमी के डर से अपने वाहन के टैंक भरवाने पहुंच गए। पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन, मुंबई के अध्यक्ष चेतन मोदी ने कहा कि सोमवार से ट्रक चालकों के आंदोलन के कारण पेट्रोल पंप पर ईंधन की आपूर्ति प्रभावित है। उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल पंप पर कल से ईंधन की कमी होनी शुरू हो गयी है।

अगर हमें ईंधन की आपूर्ति नहीं हुई तो ज्यादातर पेट्रोल पंप में आज से पेट्रोल खत्म हो जाएगा।'' प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा सहित गुजरात के कई जिलों में और महाराष्ट्र के नागपुर जैसे स्थानों में ट्रकों का उपयोग करके राजमार्गों को बाधित किया। गुजरात में अहमदाबाद मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तपन शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विरोध प्रदर्शन स्वत: हुआ है। उन्होंने कहा, “ एसोसिएशन ने हड़ताल का आह्वान नहीं किया है। नए कानून के बारे में चिंताओं के कारण चालक खुद ही यह कर रहे हैं। वे थोड़ी देर विरोध करते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं। हालांकि, इन छिटपुट प्रदर्शनों के कारण सामान की आपूर्ति में देरी हुई है।” वहीं, महाराष्ट्र में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि जो चालक गलती से किसी व्यक्ति को टक्कर मार देता है और बाद में पुलिस को सूचित करता है या पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाता है, तो उस पर हाल में बनाए गए बीएनएस के कड़े प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।

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