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सोमवार, 12 फ़रवरी 2024

राष्ट्रगान को लेकर आरएन रवि की मांग पर BJP-DMK आमने सामने, जानें कौन-क्या बोला

 


मिलनाडु विधानसभा के इतिहास में पहली बार राज्यपाल आरएन रवि ने सोमवार को सदन में अपने अभिभाषण को कुछ ही मिनटों के भीतर समाप्त कर दिया। उन्होंने राष्ट्रगान के प्रति सम्मान नहीं दिखाने के लिए डीएमके शासन की आलोचना कर नाराजगी जाहिर की।

इसी को लेकर अब भाजपा और डीएमके आमने सामने आ गई है। जहां भगवा पार्टी के नेता ने राज्यपाल की मांग को सही ठहराया है, तो वहीं डीएमके नेताओं ने उन्हें सलाह दी है कि वह पहले तमिलनाडु कहां है, इसका पता लगाएं।

यह है मामला
गौरतलब है, राज्यपाल रवि ने कहा था, 'मेरे बार-बार अनुरोध और सलाह के बाद भी राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान नहीं दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही संबोधन की शुरुआत और अंत में इसे बजाने के मेरे अनुरोध को नजरअंदाज भी कर दिया गया है। साथ ही इस अभिभाषण में कई ऐसे अंश हैं, जिनसे मैं तथ्यात्मक और नैतिक आधार पर सहमत नहीं हूं। मेरा इसे पढ़ना एक संवैधानिक उपहास होगा। इसलिए सभा के सम्मान में, मैं अपना अभिभाषण यहीं समाप्त करता हूं। लोगों की भलाई के लिए इस सदन में सार्थक और स्वस्थ चर्चा की कामना करता हूं।'

किस नेता ने क्या कुछ कहा-

राज्यपाल को इसका अधिकार है: तिरुपति
राज्य भाजपा उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने कहा, 'राज्यपाल ने बार-बार कहा है कि राष्ट्रगान विधानसभा सत्र की शुरुआत और अंत दोनों में बजाया जाना चाहिए। ऐसा करने में क्या समस्या है? अगर अभिभाषण में गलत आंकड़े हैं तो राज्यपाल के पास उन्हें हटाने या अस्वीकार करने का अधिकार है।'

मैं उन्हें दोष नहीं देना चाहता: अप्पावू
तमिलनाडु विधानसभा में राज्यपाल आरएन रवि के अभिभाषण को पढ़ने से इनकार करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावू ने कहा, 'राज्यपाल ने अपना पूरा भाषण नहीं पढ़ा, लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देना चाहता। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रगान होना चाहिए था। हर किसी की राय होती है, अगर हम कुछ भी कहते हैं तो यह नैतिक नहीं होगा। इस सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री और सभी विधायक अलग-अलग मतों के बावजूद राज्यपाल के साथ सम्मान से पेश आते हैं।'

वह यह भी नहीं जानते कि तमिलनाडु कहां हैं: एलंगोवन
डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'वह नहीं जानते कि तमिलनाडु कहां है। उन्हें पहले यह पता लगाना चाहिए कि तमिलनाडु कहां है क्योंकि पिछले 25 वर्षों से राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा में सबसे पहले तमिल गान गाया जाता था और फिर अंत में राष्ट्रगान गाया जाएगा। 20-25 साल से भी अधिक समय से यही परंपरा रही है।'

उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर सहमत नहीं होने पर कहा, 'अभिभाषण में जो कुछ है, उससे सहमत होने वाले वह कौन होते हैं?राज्य सरकार की नीति राज्यपाल को विधानसभा में पढ़ने के लिए दी जाती है। वह इसे पढ़ें या न पढ़ें, विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा बनने दें। यह वह पार्टी है जो सरकार चला रही है, जिसने उन लोगों से कुछ वादे किए हैं, जिन्होंने उन्हें चुना है। यह उन्हें तय करना है कि पता क्या है। संसद में भी, राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकारी कैबिनेट द्वारा तैयार किया जाता है, राष्ट्रपति द्वारा नहीं। उनका पहले से ही कई लोगों द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है। वो जोकर बनता जा रहा है।'

यह राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच का मुद्दा: पलानीस्वामी
तमिलनाडु के नेता और एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कहा, 'राज्यपाल ने अनुरोध किया कि तमिलनाडु विधानसभा के सत्र की शुरुआत में राष्ट्रगान गाया जाए। उनके सुझाव को नजरअंदाज करने के बाद, उन्होंने संबोधन देने से इनकार कर दिया। यह राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच का मुद्दा है।'

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