पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी की भाजपा से करीबी साफ जाहिर हो रही है. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा वाले PM मोदी के ट्वीट पर जयंत ने लिखा था, दिल जीत लिया.
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, NDA मे जाना न जाना ये जयंत की सोच है. सियासत में कुछ भी हो सकता है. कब दुश्मन दोस्त बन जाएं इसमे किसी को कुछ नहीं मालूम. लेकिन जो लोग तीन पीढ़ियों से जयंत चौधरी के साथ हैं, जयंत को उनसे कम से कम सलाह मशवरा तो कर लेना चाहिए था. इसका मुझे मलाल रहेगा.
उत्तर प्रदेश में किसान नेता और RLD
पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति में किसान संगठन अपना बड़ा प्रभाव रखते हैं. RLD के संस्थापक चौधरी चरण सिंह किसानों के महानायक के नाम से जाने जाते रहे हैं. पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों में RLD को हमेशा से किसानों का साथ मिलता आया है. 3 साल पहले हुए किसान आंदोलन और केंद्र सरकार की सरकार विरोधी नीतियों के बाद किसान संगठन भाजपा सरकार से नराज चल रहे हैं, ऐसे में टिकैत का ये बयान RLD के लिए काफी अहम हो जाता है.
2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के बाद RLD के पास से किसान और जाट वोट काफी हद तक भाजपा में चला गया था, किसान आंदोलन और अजीत सिंह की मौत के बाद इस वोट बैंक को जयंत ने भाजपा के खिलाफ अपने पाले में लाने की कोशिश की है, जिसका फायदा उन्हें 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में मिला.
‘चौधरी जी भारत रत्न के हकदार थे’
मीडिया से बात करते हुए भाकयू अध्यक्ष ने कहा कि किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भारत रत्न के हकदार थे. भारत रत्न उन्हें पहले ही मिल जाना चाहिए था. टिकैत ने RLD और भाजपा की आइडोलजी पर तंज करते हुए कहा, “चरण सिंह किसान हितैषी थे इस सरकार ने गन्ना भाव कम किया है और किसानों को नुकसान पहुंचाया है.”
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