- फर्जी साबित हुए BJP विधायक की गाड़ी में 20 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले फोटो | सच्चाईयाँ न्यूज़

गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

फर्जी साबित हुए BJP विधायक की गाड़ी में 20 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले फोटो

 


चुनावों के दौरान आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तो चलता ही है साथ ही पुराने फोटो-वीडियो और भाषणों के अंशों का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. मौके का फायदा उठाते हुए कुछ लोग फर्जी फोटो या वीडियो भी शेयर करते हैं और ऐसे वीडियो या फोटो चुनावों के समय तेजी से वायरल होते हैं.

ऐसे ही एक ताजा मामले में गाड़ी में रखी नोटों की गड्डियों का एक फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसे बीजेपी विधायक की गाड़ी बताया जा रहा है. लेकिन जब इस फोटो का फैक्ट चैक किया तो यह मामला सिरे से फर्जी साबित हुआ.

सोशल मीडिया पर दो फोटो वायरल हो रहीं हैं, जिनमें एक फोटो में सफेद रंग की कार के साथ कुछ पुलिसकर्मी खड़े हैं. जबकि दूसरी फोटो में नोटों से भरे गत्ते के कार्टन दिखाए गए हैं. इस फोटो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि पुलिस ने बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की राशि बरामद की है.

vishvasnews.com ने वायरल फोटो और दावे की पड़ताल की और पाया कि ये सरासर गलत है. तमाम स्तर पर किए फैक्ट चैक में पाया कि दोनों तस्वीरें अलग-अलग घटनाओं की हैं. खास बात ये है कि इन तस्वीरों को इन्हीं दावों के साथ इससे पहले भी 2018, 2019, 2021 और 2023 में सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है.

vishvasnews.com के अनुसार, फेसबुक यूजर अमित ने वायरल कोलाज को शेयर करते हुए लिखा है, "BJP के विधायक सुधीर गाडगिल की गाडी से 20 हजार करोड़ पकडे़ गये." पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर के अंदर लिखा है "मोदी जी को बधाई हो भाजपा के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है. ये खबर आग की तरह फैला दो, क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं."

फैक्ट चैक
vishvasnews.com ने अपने फैक्ट चैक में पाया कि पहली तस्वीर जिसमें कुछ पुलिसकर्मी गाड़ी के साथ नजर आ रहे हैं, उसे गूगल रिवर्स इमेज में जांचा तो पता चला कि यह तस्वीर साल 2016 में प्रकाशित एक खबर के साथ प्रकाशित की गई थी. एबीपी माझा पर 15 नवंबर 2016 को मराठी भाषा में प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. अखबार में लिखा गया था कि "उस्मानाबाद के तुलजापुर से 6 करोड़ रुपये की बरामदगी के मामले में एक नई व्याख्या सामने आई है. सुधीर गाडगिल ने साफ किया है कि यह रकम बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल का निजी पैसा नहीं है, बल्कि बैंक का है. गणेश गाडगिल सांगली अर्बन बैंक के अध्यक्ष हैं. यह रकम सांगली अर्बन बैंक के नाम पर ले जाई जा रही थी. निर्वाचन पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा है कि छह करोड़ की राशि ले जाते समय वाहन के साथ कोई जिम्मेदार बैंक अधिकारी या सुरक्षा गार्ड नहीं था, इसलिए सारी राशि जिला कोषागार में जमा करा दी गयी है."

दूसरी तस्वीर, जिसमें नोटों से भरे गत्ते के कार्टन हैं, उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करने पर पाया कि द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर 17 नवंबर 2017 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर से जुड़ी जानकारी मिली थी. खबर के अनुसार, "नवंबर 2017 में आयकर विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के दलाल संजय गुप्ता के दिल्ली स्थित घर पर छापा मारा था. इस दौरान विभाग ने 11 करोड़ कैश बरामद किया था. वायरल तस्वीर उसी दौरान ली गई थी."

इन तस्वीरों को लेकर सुधीर गाडगिल से संपर्क किया था. उन्होंने बताया था कि यह तस्वीर साल 2016 की है. उनके एक भाई सांगली में को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन हैं और उनके बैंक का यह पैसा था, जिसे नोटबंदी के समय लोगों ने जमा करवाया था. यह करीब 6 करोड़ रुपए थे. इस घटना से उनका कोई संबंध नहीं है.

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