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बुधवार, 10 अप्रैल 2024

ट्रांसपोर्टर से लेकर कोरियर कंपनियों में जाल, शातिर रवि अत्रि ने पेपर लीक के लिए गजब बनाया था प्लान


 पुलिस आरक्षी परीक्षा ही नहीं, गिरोह ने कई परीक्षाओं में सेंधमारी की है। इस गिरोह ने पेपर लीक कराने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनियों में जाल बिछाया था। गिरोह के सरगना रवि अत्रि के करीबी अंकित ने अपनी कंसलटेंसी कंपनी की मदद से अपने गुर्गों को इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों में भर्ती कराया और इसके बाद अंदर की खबरें मिलने लगी।

जब भी कोई गोपनीय या सरकारी सील वाले बक्से कंपनी वेयरहाउस में आते थे तो तुरंत इस बात की सूचना रवि अत्रि को दी जाती थी।


नकल कराने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्रि और उसके करीबी अंकित निवासी प्रयागराज ने एक शातिर प्लान तैयार किया था। अंकित की अपनी कंसलटेंसी कंपनी है। इसी कंपनी के माध्यम से अंकित ने अपने कुछ लोगों को टीसीआई, गति, ब्लू-डॉट समेत कई बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियों में काम पर लगवाया था। इन लोगों से अंकित लगातार संपर्क में था।


इसके बाद इन लोगों को बताया गया कि कंपनी के वेयरहाउस में जब भी कोई सरकारी सील या गोपनीय वाले बक्से आए तो इस संबंध में सूचना दें। इन सभी बातों की जानकारी अंकित रवि अत्रि को देता था और इसके बाद रवि पेपर लीक कराने के लिए व्यवस्था करता था। इस तरह से गिरोह लगातार वारदात अंजाम दे रहा था। अंकित फिलहाल फरार है और एसटीएफ उसकी तलाश में लगी है। 


यूपी पुलिस का माल आ गया...

यूपी पुलिस आरक्षी का पेपर भी इसी तरह से लीक कराया गया था। अंकित ने रवि अत्रि की बात टीसीआई कंपनी के कर्मी अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरी और रोहित से कराई थी। इसके बाद चार फरवरी 2024 को जब गुजरात के अहमदाबाद स्थित टीसीआई कंपनी के वेयरहाउस में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर सीलबंद पहुंचे तो शिवम ने ही कॉल करके अंकित और रवि अत्रि को बताया था कि यूपी पुलिस का माल आ गया है। इसके बाद रवि अत्रि ने बक्से का फोटो मंगवाया और इन बक्सों को खोलने के लिए बिहार से डॉक्टर शुभम मंडल को बुलाया गया।


एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने नोएडा से दबोचा

यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती का पेपर लीक कराने वाले मुख्य मास्टरमाइंड रवि अत्रि को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने गौतमबुद्धनगर से बुधवार सुबह गिरफ्तार किया। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर टीसीआई कंपनी के वेयरहाउस से ही यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती का पेपर लीक कराया था और इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने इसे अलग अलग जगहों पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें पेपर पढ़ाए थे। रवि अत्रि से फिलहाल पूछताछ की जा रही है और बरामद मोबाइल की जांच फोरेंसिक टीम से कराई जा रही है। आरोपी की भूमिका आरओ-एआरओ पेपर लीक में भी सामने आई है। वहीं, दूसरी ओर गिरोह के बाकी सदस्यों की धरपकड़ के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।


यूपी पुलिस आरक्षी की परीक्षा फरवरी 2024 में कराई गई थी। परीक्षा से पहले ही रवि अत्रि, राजीव नयन मिश्रा और अभिषेक शुक्ला ने साथियों के साथ मिलकर गुजरात के अहमदाबाद में टीसीआई कंपनी के वेयरहाउस से पेपर लीक करा लिया था। इस बात की जानकारी पर यूपी सरकार ने परीक्षा निरस्त करते हुए एसटीएफ को जांच दी थी। इसके बाद प्रदेशभर में इसी मामले में 15 मुकदमे अलग अलग थानों में दर्ज कराए गए।


एसटीएफ मेरठ, गौतमबुद्धनगर और लखनऊ की टीम ने अलग अलग ऑपरेशन चलाते हुए रवि अत्रि समेत गिरोह के 17 सदस्यों की गिरफ्तारी की। वहीं, एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने बुधवार सुबह करीब 6.30 बजे के आसपास गौतमबुद्धनगर में ही खुर्जा बस स्टैंड के पास ही रवि अत्रि को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर लीक कराए गए तीनों पेपर एसटीएफ ने उसके फ्लैट से बरामद किए।


आरोपी को पूछताछ के लिए मेरठ लाया गया। यहां आरोपी रवि अत्रि से बरामद मोबाइल की जांच फोरेंसिक टीम से भी कराई गई। रवि अत्रि से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके गिरोह में 200 से ज्यादा सदस्य हैं। इनमें से ज्यादातर बिहार, मध्यप्रदेश और यूपी के हैं। 


अंकित ने दिया था पेपर का इनपुट

रवि अत्रि गौतमबुद्धनगर के नीमका गांव का मूल निवासी है। फिलहान उसने अपना ठिकाना दिल्ली के यूएफजी पटेलनगर में बनाया हुआ था। रवि ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसके पुराने परिचित अंकित निवासी प्रयागराज ने पेपर के गुजरात में छापे जाने का इनपुट दिया था। आरोपी अंकित ही कंसलटेंसी ऑफिस चलाता है। अंकित ने ही रवि अत्रि और टीसीआई कंपनी के कर्मी अभिषेक शुक्ला की मुलाकात कराई थी। इसके बाद इन लोगों ने मिलकर पेपर लीक कराया था। अब एसटीएफ अंकित की तलाश में लगी है, जो फरार है। 


सुभाष ने लीक कराया था आरओ-एआरओ का पेपर

पूछताछ में रवि अत्रि ने ये भी खुलासा किया कि आरओ-एआरओ का पेपर सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी बिहार ने लीक कराया था। बताया कि पेपर लीक कराने के बाद सुभाष ने इसे राजीव नयन मिश्रा को दिया था। इसके बाद राजीव ने इसे रवि को दिया। रवि ने इस पेपर को गाजियाबाद में 20 लोगों को बेच दिया था। इसके अलावा वेस्ट यूपी समेत तमाम जगहों पर इस पेपर को अभ्यर्थियों को बेचकर मोटी रकम कमाई गई थी। एसटीएफ आरोपी सुभाष प्रकाश के पीछे लगी है, जो फिलहाल भोपाल में ठिकाना बनाए हुए हैं। 


रवि की वर्ष 2012 में हुई थी सबसे पहली गिरफ्तारी

रवि अत्रि को दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2012 में भारतीय स्टेट बैंक की स्टेनाग्राफर परीक्षा में नकल कराने के आरोप में दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। रवि ने इसी साल ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम का पेपर भी लीक कराया था। इस गिरफ्तारी के समय आरोपियों के पास से काफी उपकरण बरामद किए गए थे, जिनका उपयोग नकल कराने में किया जाता था। रवि अत्रि पिछले 14 साल से नकल कराने के धंधे में जमा है। आरोपी रवि इस बार चौथी बार गिरफ्तार हुआ है। 


एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के अनुसार मेरठ यूनिट ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्रि को गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार किया है। रवि ने कोटा में पांच साल तक नीट परीक्षा की तैयारी की थी। इसके बाद 2012 में रोहतक मेडिकल कॉलेज में मेडिकल का छात्र रहा था।


वर्ष 2012 में एम्स पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस और वर्ष 2015 में रोहतक पुलिस ने आरोपी रवि को नीट परीक्षा का पेपर लीक कराने में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रवि और उसके साथियों ने मिलकर मध्यप्रदेश और गुरुग्राम के मानेसर में रिसोर्ट में लीक कराया पेपर कुछ अभ्यर्थियों को पढ़ाया था। रवि के बाकी साथियों की तलाश की जा ही है।


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