गुरुवार, 23 मार्च 2023

सच्चाईयाँ:मेरठ न्यूज़-कंपनी का पैसा रिकवरी के नाम पर सड़कों पर घूम रहे लुटेरे, किश्तें जमा होने के बावजूद भी छीन रहे गाड़ियां
मेरठ: प्राइवेट कंपनियों से किश्तों पर ली गई टू व्हीलर व बड़ी गाड़ियों पर लुटेरों की खास नजर है.... आजकल कंपनी के पैसे रिकवरी के नाम पर जगह-जगह टोलियां बनाकर अपने आपको एजेंट बताते हुए लुटेरे घूम रहे हैं जिनके पास ना तो किसी कंपनी का कोई आई कार्ड होता है और ना ही कोई कंपनी द्वारा जारी किया गया ऑथराइज लेटर होता है। उसके बावजूद भी यह लोग सड़कों पर लोगों को रोककर उनकी गाड़ियां छीन लेते हैं और कहते हैं कि ऑफिस पर आ जाना या उनसे हर्जे खर्चे के नाम पर 1500 से 2000 रु मौके पर ही लेकर गाड़ियों को वहीं छोड़ देते हैं।
और जो लोग पैसा नहीं दे पाते उनकी गाड़ियां यह जबरदस्ती छीन कर ले जाते हैं बता दें कि गाड़ी छीनने की कोई रसीद या प्रमाण उन लोगों को नहीं दिया जाता है। यह सब गोरखधंधा कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के नेतृत्व में चल रहा है प्रभावशाली लोगों की थाना व चौकी पुलिस से अच्छी सेटिंग व उठ बैठ होती है। इन लोगो द्वारा शहर के कई हिस्सों में जगह-जगह ऑफिस बनाए हुए हैं जैसे- मेडिकल गेट के सामने व हापुड़ रोड पर बढ़ाना फार्म हाउस के पास, कंकरखेड़ा पुल के पास ऑफिस संचालित कर रखे है और वहीं से 10-10, 20-20 लोगों की टुकड़ियों में यह अनऑथराइज्ड लुटेरे शहर में घूम घूमकर कंपनी के पैसों के लोन की रिकवरी के नाम पर या तो गाड़ी लूट लेते हैं या 1000 या ₹2000 उस आदमी को लोन के पैसे जमा करने समय देने के नाम पर ले लेते हैं। जबकि यह लोग किसी भी कंपनी के ऑथराइज कार्यकर्ता नहीं होते हैं ना ही किसी और ऑथराइज कंपनी से कोई लेटर या कार्ड इन लोगों के पास होता है। यह गोरखधंधा शहर में काफी पैर पसारे हुए हैं
बहुत से मामले तो ऐसे भी प्रकाश में आए हैं जिनमें लोन की पूर्ण किश्तें अदा होने के बावजूद भी गाड़ियों को छीन लिया गया और बाद में अनाप-शनाप पेनल्टी बताते हुए उसे पैसा वसूल कर इन ऑथराइज दफ्तरों से गाड़ियां वापस की जाती हैं। बहुत से मामले तो ऐसे भी प्रकाश में आए हैं कि इन कंपनियों के नाम पर फर्जी लोग किश्तों का पैसा वसूल कर ले जाते हैं जो पैसा कंपनी में जमा ही नहीं होता है और बाद में ग्राहक को अनाप-शनाप पैसों की रिकवरी का नोटिस कंपनी द्वारा भेज दिया जाता है। यहां यह बताना भी आवश्यक है कि इन सभी कंपनियों जैसे- एनएलटी व अन्य कई कंपनियां जिनका कोई ऑथराइज दफ्तर मेरठ में नहीं है यह कंपनियां अपने पैसों का कलेक्शन ठेकेदारी प्रथा पर वसूली कर चलाती हैं और वह ठेकेदार बहुत से लोगों का पैसा लेकर उड़न छू हो जाती है
और ग्राहक इन ठेकेदार और कंपनियों के बीच के पाट में पिसकर रह जाता है। जबकि किसी भी वसूली के लिए कंपनी द्वारा जारी ऑथराइज्ड लेटर दिखाए बिना या लीगल प्रक्रिया अपनाए बिना किसी भी व्यक्ति से सड़कों पर वाहन छीना जाना गैरकानूनी है। माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी व्यक्ति से गाड़ी को छीना जाना प्रतिबंधित किया गया है नियमानुसार, किसी भी वाहन की रिकवरी लोन के एवज में ऋण दाता के घर से ही की जानी चाहिए मगर कंपनी के यह अनऑथराइज ठेकेदार व सड़कों पर घूम रहे यह लुटेरे इस तरह के किसी भी नियम व कानून को नहीं मानते कानून के साथ हो रहे खिलवाड़ पर ना जाने कब अंकुश लगेगा।
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