- एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव को विशेषाधिकार हनन में चेतावनी | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 15 मार्च 2023

एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव को विशेषाधिकार हनन में चेतावनी

विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर लखनऊ के कमिश्नर ने की जांच जांच-पड़ताल में हुआ खुलासा-एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव ने नहीं उठाया था सूझबूझ से कदम सीतापुर में तैनाती के दौरान विधायक पर दर्ज कराया था मुकदम सहारनपुरए सडीएम सदर किंशुक श्रीवास्तव को सीतापुर के बिसवां के तत्कालीन विधायक के खिलाफ मुकदमा कायम करना महंगा पड़ गया। विधानसभा में तत्कालीन विधायक ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर हुई जांच में एसडीएम को मामले में सूझबूझ से काम नहीं लेने का दोषी पाया गया। छह मार्च को पत्र जारी करते हुए अपर मुख्य सचिव ने चेतावनी जारी की तथा कार्यवाही समाप्त कर दी। मामला सहारनपुर की सदर तहसील में तैनात किंशुक श्रीवास्तव से संबंधित है। दरअसल, वर्ष 2019 में किंशुक श्रीवास्तव सीतापुर की तहसील बिसवां की एसडीएम थीं। 12 अप्रैल 2019 को बिसवां विधान सभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक महेन्द्र प्रताप सिंह ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। आरोप लगाया कि बिसवां तहसील क्षेत्र के गांव शिवथाना में चकबंदी चल रही थी। जबकि इसी गांव के किसानों की फसल पककर तैयार खड़ी थी। उसी दौरान एसडीएम ने दस अप्रैल 2019 को जमीन की पैमाइश करने के लिए अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों को भेज दिया। राजस्व टीम द्वारा खड़ी फसल को कटवाने प्रयास किया गया। इस दौरान राजस्व टीम और किसानों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मामले की जानकारी जब तत्कालीन विधायक महेन्द्र प्रताप को हुई तो उन्होंने राजस्व निरीक्षक से बात करनी चाही। लेकिन, उन्होंने मना कर दिया। उसके बाद उन्होंने एसडीएम से बात की। आरोप है कि एसडीएम ने राजस्व टीम के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय तत्कालीन विधायक और उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विशेषाधिकार का हनन करने के कारण कठोर कार्रवाई की मांग की। एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव का स्पष्टीकरण विशेषाधिकार हनन के आरोप के बाद एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा गया था। उसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने गांव सभा की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया था। अतिक्रमण को हटाने के लिए राजस्व टीम को भेजा गया था। उसी दौरान विधायक और उनके समर्थकों के साथ विवाद हुआ। इस दौरान टीम के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार भी किया गया। इसके बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया था।

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