अतीक के जनाजे में शामिल होना चाहती थी शाइस्ता
बता दें कि 15 अप्रैल को प्रयागराज में कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 16 अप्रैल को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में अतीक और उसके भाई को दफनाया गया था. शाइस्ता अपने पति अतीक अहमद और देवर अशरफ के जनाजे में चोरी-छिपे शामिल होना चाहती थी. वह अतीक के गैंग के सदस्य जफर उल्ला के खुल्दाबाद स्थित घर में ठहरी थी.
FIR रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन और शूटर साबिर 16 अप्रैल को खुल्दाबाद में जफर उल्ला के घर पर रूके थे. वो भेष बदलकर अतीक और अशरक्ष के जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी-मसारी कब्रिस्तान जाने वाले थे, लेकिन पुलिस और गिरफ्तारी के डर से उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और वहां से दूसरे दिन कहीं और चले गए.
शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है और फिलहाल फरार चल रही है. पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपए का इनामी घोषित कर रखा है. वह पुलिस से लगातार बचती फिर रही है.
धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज
प्रयागराज पुलिस ने जफर उल्ला के बेटे आतिन जफर के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया है. FIR रिपोर्ट के मुताबिक, IPC की धारा 216 (ऐसे अपराधी को संश्रय देना जो हिरासत से भाग गया हो या जिसे पकड़ने का आदेश दिया गया हो) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आतिन पर शाइस्ता, शूटर साबिर को छिपने-छिपाने और उनकी मदद करने का आरोप है.
FIR के मुताबिक, शाइस्ता ने शूटर साबिर को किसी काम से आतिन के घर भेजा था. इसकी सूचना पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन घनी आबादी और अंधेरे का फायदा उठाकर साबिर भागने में कामयाब रहा. वहीं पुलिस ने आतिन को पकड़ लिया. जिसने पूछताछ में शाइस्ता और शाबिर को लेकर खुलासा किया है.
पुलिस ने आतिन के पास से तीन मोबाइल फोन भी जब्त किया है. इनमें से एक फोन असद का बताया गया है. पुलिस इनकी जांच में जुटी है.
बहरहाल, आतिन के खुलासे ने यह साफ कर दिया है कि शाइस्ता प्रयागराज में ही भेष बदलकर रह रही थी. फिलहाल, पुलिस को शाइस्ता की तलाश है.
एक टिप्पणी भेजें