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गुरुवार, 11 मई 2023

प्रियंका चोपड़ा:एक्ट्रेस की पेल्विक बोन दिखनी चाहिए,प्रियंका ने फिर खोला बंद दरवाजों के पीछे छिपा काला सच

प्रियंका चोपड़ा इन दिनों कई वजहों से सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों अभिनेत्री की वेब सीरीज सिटाडेल रिलीज हुई है। इस सीरीज में एक्ट्रेस का एक्शन अवतार नजर आ रहा है। अभिनेत्री की सिटाडेल फैंस को काफी पसंद भी आ रही है। इस सीरीज का प्रियंका ने जमकर प्रमोशन किया है और इस दौरान वह कई मुद्दों पर भी खुलकर बात कर चुके हैं। हाल ही में एकबार फिर उन्होंने एक पॉडकास्ट में बॉलीवुड के डार्क फेज का खुलासा किया है। प्रियंका ने बताया कि कैसे जब वह इंडस्ट्री में नई नई थीं तो उन्हें यह बताया गया था कि कुछ प्रकार के शरीर को सुंदर माना जाता है। प्रियंका ने पॉडकास्ट के दौरान कहा कि वह एक ऐसे देश से हैं जहां गोरे रंग को भी सुंदर माना जाता है। ऐसे में उनको नहीं लगता था वह सुंदर हैं, क्योंकि उनकी स्किन टोन काली थी। प्रियंका ने आगे बताया, जब मैं छोटी थी तो काफी लंबे समय तक मुझे ऐसा लगता था कि मेरी स्किन सुंदर नहीं है क्योंकि वह काली थी। जब मैं हाईस्कूल में थी, तब मेरे शरीर पर कई निशान थे, उस दौरान मैं एक टॉमब्वॉय हुआ करती थी। मेरे बाल घुंघराले थे और इन सब चीजों से मैं सहज नहीं थी। प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि बॉलीवुड में यह आम बात है कि जिसका रंग गोरा होता है, वही सुंदर होता है। सितारे भी ऐसा मानते हैं कि जिसका रंग साफ है वो ही सुंदर है। प्रियंका ने कहा यह कॉन्सेप्ट ऐड फिल्मों के जरिए फिल्म इंडस्ट्री में आया और फिल्म इडस्ट्री में सबने इसे ही सच मान लिया। प्रियंका ने बताया कि जब वह इंडस्ट्री में शामिल हुई थीं तो उन्हें बताया कि स्क्रीन पर अच्छा दिखने के लिए के लिए एक खास तरीके का शरीर होना चाहिए।एक्ट्रेस ने कहा, श्जब मैं पहली बार 20 साल पहले इंडस्ट्री में शामिल हुई थी, तो हमने कभी इसके बारे में बात नहीं की थी। तब अभिनेत्रियों से यह उम्मीद की जाती थी कि वह दुबली-पतली हो, उसकी पेल्विक बोन दिखती हो और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो वहां कैसे पहुंचती हैं। लेकिन आपको ऐसा ही दिखना चाहिए और जो ऐसा नहीं है वह सुंदर नहीं है।प्रियंका ने आगे कहा यह सब अभी भी होता है, लेकिन बंद दरवाजों के पीछे। उन्होंने कहा कि यह प्रथा तब टूटेगी, जब लोग बोलना शुरू करेंगे। उन्होंने शेयर किया कि कला की तरह ही सौंदर्य भी व्यक्तिपरक है। उन्होंने कहा,हमें उन नेरेटिव को तोड़ना होगा जिस के तरह लोगों को खूबसूरती के पैमाने में उतारा जाता है।

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