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मंगलवार, 23 मई 2023

Shamli News : मेरठ - पानीपत रेलवे परियोजना को केंद्रीय रेलवे बोर्ड से मिली मंजूरी

 रेलमंत्रालय की गज शक्ति यूनिट में स्वीकृति के लिए गई परियोजना - लोकसभा चुनाव 2024 में बजट अवमुक्त होने की उम्मीद जगी इंद्रपाल सिंह पांचाल फोटो समाचार शामली। 105 किमी लंबी मेरठ-पानीपत रेलवे लाइन को केंद्रीय रेलवे बोर्ड की स्वीकृति के बाद रेलवे मंत्रालय की गज शक्ति यूनिट में भेज दिया गया है।वहां से इस परियोजना की स्वीकृति मिलने के बाद धनराशि अवमुक्त होगी। माना जा रहा है कि अगले साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस परियोजना की धनराशि स्वीकृत हो जाएगी।

हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों जोड़ने वाली बहुुप्रतीक्षित मेरठ-पानीपत रेलवे लाइन की मांग पिछले 25 वर्षों से चली आ रही है। सबसे पहले मेरठ की तत्कालीन सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की मांग पर तत्कालीन रेल राज्यमंत्री सतपाल महाराज ने वर्ष 1998 में इस रेलवे लाइन की स्वीकृति कराकर 275 करोड़ रुपये की मंजूरी देकर डीपीआर तैयार कराई थी। पानीपत, मुजफ्फरनगर, मेरठ जिले की भूमि का सर्वे कराकर सर्किल रेट मांगने की प्रक्रिया चालू हुई थी। बजट के अभाव में यह परियोजना अधर में लटक गई थी। वर्ष 2009 के रेलवे के बजट में तत्कालीन रेलवे मंत्री ममता बनर्जी ने मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन के सर्वे की घोषणा की थी। वर्ष 2014 में तत्कालीन कैराना सांसद हुकुम सिंह ने मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन की स्थापना के लिए बजट देने और, कैथल-करनाल-शामली-मेरठ रेलवे लाइन का सर्वेक्षण कराने की मांग थी।

तत्कालीन रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन के लिए 2200 करोड़ रुपये और कैथल-करनाल-शामली-मेरठ रेलवे लाइन का सर्वे कराने की घोषणा की थी। दो साल पहले आम बजट में 1055 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान रखा गया, लेकिन धनराशि अवमुक्त नहीं की गई। एक साल पूर्व पानीपत के दीवाना से लेकर दौराला तक भूमि अधिग्रहण के लिए पिलर जरूर लगाए गए हैं। पौने दो साल पहले यह परियोजना केंद्रीय रेलवे बोर्ड में स्वीकृति के लिए गई थी।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव सहारनपुर मंडल के प्रभारी बनकर आए तो शामली जिले की जनसंघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को जल्दी ही रेलवे लाइन के लिए बजट जारी करने का आश्वासन दिया था। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि एक हजार करोड़ से अधिक की रेल परियोजना केंद्रीय रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के बाद गज शक्ति यूनिट में पेश होती है। वहां से स्वीकृति के बाद धनराशि अवमुक्त होती है। अगले साल लोकसभा चुनाव है। आने वाले आम बजट में मेरठ-पानीपत नई रेलवे लाइन स्थापना के लिए धनराशि अवमुक्त हो सकती है।

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