डांग जिले के मालेगाम ग्राम पंचायत में बरडपानी ग्राम जल संचय योजना के तहत चेक डैम मरम्मत का काम मई माह में पूरा हो चुका ह। काम पूरा होने के बावजूद अभी तक गरीब मजदूरों को भुगतान नहीं किया गया है। मजदूरों के पैसौ पर हक मारने वाले ठेकेदार पर कोयी अधिकारी ध्यान देंगे या, फिर ऐसे ठेकेदार मजदूरों की महेनत के पैसों पर हाथ मारते रहेंगे...? बरडपानी गांव के गरीब आदिवासी मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 20 से 25 गरीब आदिवासी मजदूरों भुगतान नहीं किया गया। साथ ही इंजीनियर और ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया है,
बरडपानी गांव के मजदूरों का कहना है कि दो महीने की मजदूरी नहीं दी गयी है। तो मजदूरों को उनका हक का पैसा मिलेगा या, ठेकेदार अपनी ही जेब भरेगे..? बरडपानी गांव की महिलाओं का कहना है, कि चेक डैम की मरम्मत के लिए हमसे दो माह तक काम कराया गया। यह कार्य भी अभियंता व सह ठेकेदार द्वारा पूरा नहीं किया गया है। हालांकि, बरडपानी गांव के आदिवासी मजदूर जो कोई काम कर रहे थे,
उन्हें बिना बताए ठेकेदार गांव से भाग गया। ग्रामीण महिलाओं की दो माह की मेहनत का भुगतान तक नहीं हुआ है। तो कोई अधिकारी इस ठेकेदार पर आवाज उठाएगा या, ऐसे ठेकेदार अपनी मनमानी ही करते रहेंगे..? बरडपानी गांव की आदिवासी महिलाएं कई बार एजेंसी और ठेकेदार से मजदूरी के पैसे की गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन पैसा नहीं दिया जा रहा है।
जब गांव की आदिवासी महिलाएं पैसे मांगती हैं तो ठेकेदार उन्हें रूखा सूखा जवाब देता है, तो ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कोयी कार्यवाही की जाएगी...? बरडपानी गांव के आगेवान भरतभाई जागरूक नागरिक के रूंप में बताया कि ठेकेदार ने काम में काफी भ्रष्टाचार किया है। और काम भी पूरा नहीं किया गया है, और कम मात्रा में सामग्री का उपयोग किया गया है। साथ ही ग्रामीणों की मांग है, कि बरडपानी गांव की आदिवासी महिलाओं को मजदूरी नहीं देने वाले ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाए, अब देखना यह है की गरीब आदिवासी मजदूरों को उनका हका मिलेगा या, ठेकेदार के खीसें में जाएगा..?
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