उत्तरप्रदेश मेरठ से हवाई उड़ान का सपना साकार होता दिख रहा है. इसके लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी, नागरिक उड्डयन विभाग और प्रशासन का सर्वे पूर्ण हो गया है. सर्वे के तहत अब हवाई पट्टी की जद में आ रहे चार गांवों की करीब 176 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
इसके लिए शीघ्र शासन को सर्वे रिपोर्ट के साथ अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा जाएगा.
गत दिनों ही मेरठ से हवाई उड़ान को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई अड्डे को एनओसी जारी करने की सूचना दी थी. इसके तहत एयरपोर्ट ऑथोरिटी और नागरिक उड्डयन विभाग, प्रशासन की ओर से जून महीने में 15 किलोमीटर क्षेत्र का विशेष सर्वे प्रारंभ किया गया. सर्वे में 15 किलोमीटर क्षेत्र के सभी निर्माण, ढांचा, खुली जगह, गगोल सरोवर, पराग डेयरी, एमडीए की योजनाओं आदि का ब्योरा रिकार्ड किया गया. अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया. अब सर्वे का काम पूर्ण हो गया है.
रिपोर्ट हो रही तैयार सर्वे के बाद सदर तहसीलदार रामेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में टीम रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है. आकलन किया गया है कि अब चार गांवों की करीब 176 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना होगा. अब शीघ्र ही शासन को संशोधित प्रस्ताव भेजा जा रहा है.
हवाई अड्डे का कुल क्षेत्र 213 हेक्टेयर हो जाएगा
अधिकारियों के अनुसार हवाई पट्टी का विस्तारीकरण के लिए सरकारी, एमडीए, वन विभाग और किसानों की निजी भूमि को लिया जाएगा. इसके लिए पूर्व में 468.6226 एकड़ (189.6413 हेक्टेयर) भूमि की खरीद का प्रस्ताव था, जिसके लिए 931.53 करोड़ रुपये की जरूरत होती. वर्तमान में मौजूदा हवाई पट्टी के नाम 93.1407 एकड़ (37.6920 हेक्टेयर) भूमि दर्ज है. अब 176 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण से मेरठ हवाई अड्डे का कुल क्षेत्र 213 हेक्टेयर का हो जाएगा.
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