
डरबन : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करना युद्ध को न्योता देने जैसा होगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रामाफोसा ने मंगलवार को यह बात कही.
दरअसल पुतिन अगले महीने यानी 22-24 अगस्त BRICS शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग जा सकते हैं.
रामफोसा ने मंगलवार को सार्वजनिक किए गए एक अदालती हलफनामे (Court Affidavit) में यह बात स्वीकार की है. दरअसल दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े विपक्षी दल द डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार पर पुतिन को जोहानिसबर्ग दौरे के दौरान गिरफ्तार करने का दबाव बना रही है. विपक्ष की इस मांग का जवाब राष्ट्रपति ने प्रिटोरिया की अदालत में एक एफिडेविट के जरिए दिया है.
अदालत इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है. ज्ञात हो कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (International Criminal Court) ने यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के अपराध में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. दक्षिण अफ्रीका ने कोर्ट में हस्ताक्षर किए हैं और इस तरह से वह रूसी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है.
रामाफोसा ने एफिडेविट में बताया है कि रुस ने साफ कहा है, पुतिन को गिरफ्तार करना युद्ध की घोषणा माना जाएगा. NYT ने 32 पेज के हलफनामे के हवाले से कहा, 'रूस के साथ किसी भी तरह के युद्ध में शामिल होने का जोखिम उठाना हमारे संविधान के साथ असंगत होगा.'
रामाफोसा ने एफिडेविट में तर्क दिया कि दक्षिण अफ्रीका का बिल ऑफ राइट्स लोगों को कुछ अधिकार देता है, जिनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. इन अधिकारों में हर तरह की हिंसा से सुरक्षा भी शामिल है. ऐसा कोई भी कार्य, जिसके कारण रूस की तरफ से हमारे खिलाफ युद्ध की घोषणा होने का जोखिम हो, उसे करना लापरवाही भरा होगा. उन्होंने कहा, यह उनके और सरकार के संवैधानिक दायित्वों के बीच एक टकराव है.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने एफिडेविट में आगे तर्क दिया कि पुतिन को गिरफ्तार करने से रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराने के दक्षिण अफ्रीका के प्रयासों में बाधा उत्पन्न होगी.
रामाफोसा ने पिछले ही महीने कई अन्य अफ्रीकी नेताओं के साथ कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और बाद में सैंट पीटसबर्ग में व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने युद्ध खत्म करने पर बातचीत की. NYT के अनुसार अफ्रीकी नेताओं के इस दौरे को यूक्रेन और रूस दोनों तरफ संदेह की निगाह से देखा गया था.
अगर पुतिन जोहानिसबर्ग जाते हैं तो दक्षिण अफ्रीका उन्हें गिरफ्तार करने से बचने के रास्ते खोज रहा है. रामाफोसा की तरफ से दिया गया यह एफिडेविट उसी का प्रमाण है. राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि वह इस संबंध में सभी BRICS देशों के नेताओं से भी चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से विचार-विमर्श करने का समय भी मांगा है.
डरबन : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार करना युद्ध को न्योता देने जैसा होगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रामाफोसा ने मंगलवार को यह बात कही.
रामफोसा ने मंगलवार को सार्वजनिक किए गए एक अदालती हलफनामे (Court Affidavit) में यह बात स्वीकार की है. दरअसल दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े विपक्षी दल द डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार पर पुतिन को जोहानिसबर्ग दौरे के दौरान गिरफ्तार करने का दबाव बना रही है. विपक्ष की इस मांग का जवाब राष्ट्रपति ने प्रिटोरिया की अदालत में एक एफिडेविट के जरिए दिया है.
अदालत इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है. ज्ञात हो कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (International Criminal Court) ने यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के अपराध में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. दक्षिण अफ्रीका ने कोर्ट में हस्ताक्षर किए हैं और इस तरह से वह रूसी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है.
रामाफोसा ने एफिडेविट में बताया है कि रुस ने साफ कहा है, पुतिन को गिरफ्तार करना युद्ध की घोषणा माना जाएगा. NYT ने 32 पेज के हलफनामे के हवाले से कहा, 'रूस के साथ किसी भी तरह के युद्ध में शामिल होने का जोखिम उठाना हमारे संविधान के साथ असंगत होगा.'
रामाफोसा ने एफिडेविट में तर्क दिया कि दक्षिण अफ्रीका का बिल ऑफ राइट्स लोगों को कुछ अधिकार देता है, जिनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. इन अधिकारों में हर तरह की हिंसा से सुरक्षा भी शामिल है. ऐसा कोई भी कार्य, जिसके कारण रूस की तरफ से हमारे खिलाफ युद्ध की घोषणा होने का जोखिम हो, उसे करना लापरवाही भरा होगा. उन्होंने कहा, यह उनके और सरकार के संवैधानिक दायित्वों के बीच एक टकराव है.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने एफिडेविट में आगे तर्क दिया कि पुतिन को गिरफ्तार करने से रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराने के दक्षिण अफ्रीका के प्रयासों में बाधा उत्पन्न होगी.
रामाफोसा ने पिछले ही महीने कई अन्य अफ्रीकी नेताओं के साथ कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और बाद में सैंट पीटसबर्ग में व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने युद्ध खत्म करने पर बातचीत की. NYT के अनुसार अफ्रीकी नेताओं के इस दौरे को यूक्रेन और रूस दोनों तरफ संदेह की निगाह से देखा गया था.
अगर पुतिन जोहानिसबर्ग जाते हैं तो दक्षिण अफ्रीका उन्हें गिरफ्तार करने से बचने के रास्ते खोज रहा है. रामाफोसा की तरफ से दिया गया यह एफिडेविट उसी का प्रमाण है. राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि वह इस संबंध में सभी BRICS देशों के नेताओं से भी चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से विचार-विमर्श करने का समय भी मांगा है.
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