- अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम देश में जाति जनगणना शुरू करेंगे : राहुल गांधी | सच्चाईयाँ न्यूज़

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम देश में जाति जनगणना शुरू करेंगे : राहुल गांधी

 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राजस्‍थान में चुरू के तारानगर और हनुमानगढ़ के नोहर में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही देश में जाति जनगणना शुरू कराई जाएगी।राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ''नरेंद्र मोदी जी कहते हैं 'मोदी की गारंटी'... मोदी की गारंटी मतलब अडानी की गारंटी। कांग्रेस का मतलब है किसानों, मजदूरों और युवाओं की सरकार। यही फर्क है। नरेंद्र मोदी की गारंटी है कि सरकार अडानी जी चलाएंगे और उन्‍हीं के लिए काम करेगी, जबकि हमारी गारंटी है कि सरकार किसान, मजदूर, पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासी के लिए काम करेेगी।"

राहुल गांधी ने कहा, ''वह आपके हिस्‍से का पैसा अडानी जी की जेब में डालते हैं, हम गरीबों की जेब में पैसा डालते हैं। हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान की जनता यह सच्‍चाई जानती है।"

उन्‍होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी राजस्थान में जाति जनगणना सर्वेक्षण कराएगी। जैसे ही केंद्र में कांग्रेस की सरकार आएगी, हम जाति जनगणना शुरू कर देंगे। हम भारत की रीढ़, भारत के पिछड़े वर्ग के लोगों को उनका अधिकार सौंपना चाहते हैं।"

राहुल ने कहा, "भाजपा नेता जहां भी जाते हैं, नफरत फैलाते हैं। वे एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म वालों से, एक जाति के लोगों को दूसरी जाति के लोगों से लड़ाते हैं और उसका फायदा उठाते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी लोगों के मन का इलाज करती है। यह नफरत के बाजार में 'मोहब्बत की दुकान' खोलती है। यह फर्क कर्नाटक के लोग अच्‍छी तरह समझते हैं, इसलिए उन्‍होंने कांग्रेस की सरकार बनाई और नफरत फैलाने वाली भाजपा को सत्ता से उतार दिया।"

उन्‍होंने कहा, "राजस्‍थान में पुरानी पेंशन योजना से पांच लाख परिवार लाभान्वित हुए हैं। हमने 3,600 अंग्रेजी माध्यम स्कूल, 309 नए कॉलेज और नौ नए विश्‍वविद्यालय खोले हैं।"

राहुल गांधी ने कांग्रेस की सात गारंटी भी गिनाई और कहा, ''चुनाव में हमने आपको सात गारंटी दी हैं। पहले 10,000 रुपये सालाना हर परिवार की एक महिला को मिलेंगे। गरीबों के लिए 500 रुपये का सिलेंडर, 15 लाख रुपये का बीमा, सभी बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वालों के लिए मुफ्त लैपटॉप और फिर हम सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस की कानूनी गारंटी के लिए इसे कानून बनाएंगे। साथ ही हम गांव के लोगों से 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गाय का गोबर भी खरीदेंगे।"

उन्होंने रैली में मौजूद भीड़ से पूछा कि क्या वे अडानी की सरकार चाहते हैं या किसानों और मजदूरों की?

उन्होंने पूछा, "यहां सरकार ने आपके लिए बहुत काम किया है। लोगों को ओपीएस दिया गया है। आप एक बात याद रखें, अगर भाजपा की सरकार आएगी तो हमने आपके लिए जो कुछ भी किया है, चाहे वह पेंशन योजना हो, स्वास्थ्य योजना हो, 500 रुपये का गैस सिलेंडर हो, महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये देना हो, भाजपा यह सब खत्म कर देगी और अरबपतियों की मदद करेगी। कांग्रेस की सरकार आएगी तो गरीबों को फायदा होगा। किसानों को फायदा होगा। किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। छोटे व्यापारियों को लाभ होगा। यह आपको तय करना है कि क्या आप अडानी की सरकार चाहते हैं या किसानों, मजदूरों और युवाओं की सरकार चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "आपने नरेंद्र मोदी का भाषण सुना होगा। पहले वे अपने भाषणों में कहा करते थे कि मित्रों, मैं ओबीसी हूं। मैं पिछड़ी जाति से हूं। मगर अब मोदी कहते हैं कि इस देश में केवल एक ही जाति है और वह है गरीब। गौर कीजिए, उनकी बात में यह फर्क कब से आया, जबसे जाति जनगणना की बात शुरू हो गई और बिहार ने करके दिखा भी दिया। वह घबरा गए हैं, क्‍योंकि वह नहीं चाहते कि जातियों का सही आंकड़ा देश को पता चले, क्‍योंकि तब उन्‍हें जिसका जो हक बनता है, वह देना होगा।"

राहुल ने जोर देकर कहा, "मैंने जाति जनगणना के बारे में संसद में भी बात उठाई थी। संसद में भाषण देते हुए मैंने कहा कि देशभर में जाति जनगणना होनी चाहिए। जाति जनगणना क्या है? मैं आज आपको बताना चाहता हूं। आज इस देश में ओबीसी वर्ग के कितने लोग हैं, यह कोई नहीं बता सकता। यह तभी पता चलेगा, जब जाति जनगणना होगी। यह नहीं कराना, आपको आपकी सही जनसंख्या न बताने की साजिश है। इस देश में ओबीसी की आबादी कम से कम 50 फीसदी है। आप अपनी शक्ति को समझो। मैंने संसद में नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा था कि आप खुद को ओबीसी कहते हैं, आपने खुद को ओबीसी बताकर चुनाव जीता है। मैंने कहा, मोदी जी बताइए कि इस देश में कितने ओबीसी हैं? उनका जवाब था कि इस देश में एक ही जाति है और वह है गरीब। मतलब, भारत में न ओबीसी, न दलित, न आदिवासी, कोई जाति ही नहीं। जब ओबीसी को उनका अधिकार देने का समय आता है, तो वे कहते हैं कि कोई जाति ही नहीं है।"

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