इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तोशाखाना (उपहार भंडार) मामले में इमरान खान की सजा को सस्पेंड करने वाली याचिका को रद्द कर दिया है और इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके लाखों समर्थकों का दिल आज टूट गया है।
यदि इमरान खान मिली सजा को इस्लामाबाद हाईकोर्ट सस्पेंड कर देता, तो इमरान अगले साल 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में खड़े हो सकते थे। पाकिस्तान के एडवोकेट फैसल सिद्दीकी ने, इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा, कि इमरान खान की कानूनी टीम ने ट्रायल कोर्ट के 5 अगस्त के फैसले को निलंबित करने का अनुरोध न करके एक महत्वपूर्ण गलती की है।
क्या हाईकोर्ट ने सुनाया गलत फैसला?
इसमें सिर्फ उनकी सजा को निलंबित करने और जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया गया था। सिद्दीकी ने कहा, कि "अगर ट्रायल कोर्ट के फैसले को निलंबित करने का अनुरोध किया गया होता, तो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की खूबियों पर व्यापक चर्चा की होती। इसके अलावा, अगर ट्रायल कोर्ट के फैसले को निलंबित कर दिया गया होता, तो इमरान खान आगामी चुनाव लड़ सकते थे।"
उन्होंने कहा, कि हालांकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट पूर्व पीटीआई अध्यक्ष की कानूनी टीम की त्रुटिपूर्ण कानूनी रणनीति को इंगित करने में सही था, लेकिन उसका आदेश पूरी तरह से गलत था, क्योंकि उसने उनकी सजा को निलंबित नहीं किया।
वकील ने विस्तार से बताया, "ट्रायल कोर्ट का दोषसिद्धि आदेश पूरी तरह से कानूनी रूप से गलत था और इसे निलंबित न करके, हाईकोर्ट का फैसला, पाकिस्तान के लोगों को अपनी पसंद का नेता चुनने के लोकतांत्रिक, मौलिक अधिकार से वंचित करने जैसा है।"
इसके अलावा, अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है, कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के 8 अगस्त के आदेश के आधार पर, इमरान को उनकी राजनीतिक पार्टी के प्रमुख के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
पाकिस्तान में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि आज है और आज का दिन खत्म होने के साथ ही तय हो जाएगा, कि इमरान खान चुनाव नहीं लड़ेंगे और इसके साथ ही तय हो जाएगा, कि इमरान खान को चुनाव से दूर रखने की पाकिस्तानी सेना की साजिश कामयाब हो गई है।
ये इमरान खान की राजनीति का अंत इसलिए भी है, क्योंकि आगामी चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी का जीत हासिल करना और केन्द्र में फिर से बिलावल भुट्टो की पार्टी से समर्थन हासिल कर, सेना के आशीर्वाद के मुताबिक, गठबंधन सरकार का निर्माण निश्चित है, जिससे इमरान खान हरगिज नरमी की उम्मीद नहीं कर सकते हैं और अब आशंका इस बात की है, कि 1992 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को जीत दिलाने वाला ये कप्तान... अब जीवन भर जेल की सलाखों से बाहर शायद ही आ पाएगा।
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