रविवार, 17 अप्रैल 2022

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में जुटी पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर संगठन की संरचना में बदलाव किया है। पार्टी में जोनल व्यवस्था खत्म करने के साथ ही जोनल कोआर्डिनेटर के पद समाप्त कर दिए गए हैं। अब सिर्फ मंडल प्रभारी ही रहेंगे। प्रत्येक मंडल के तीन-तीन प्रभारी होंगे। इसके साथ ही मुनकाद अली, विजय प्रताप और राज कुमार गौतम राज्य स्तरीय कोआर्डिनेटर बनाए गए गए हैं जो कि सभी मंडलों में संगठन के विस्तार पर नजर रखेंगे।मायावती ने तीन अप्रैल को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में सभी भाईचारा कमेटियां भंग करने के साथ ही नए तरह से जोन व्यवस्था लागू की थी।
तीन मंडलों पर एक जोन बनाते हुए जोनल कोआर्डिनेटर बनाए गए थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस व्यवस्था से जहां जोनल कोआर्डिनेटर का क्षेत्र बड़ा हो रहा था वहीं मंडल और जोन के बनाए गए पदाधिकारियों में वरिष्ठता को लेकर मन-मुटाव दिख रहा था,ऐसे में बसपा प्रमुख ने जोनल व्यवस्था खत्म करते हुए लगभग एक दशक पहले वाली मंडल प्रभारी व्यवस्था को ही बनाए रखने का निर्णय किया है। भाईचारा कमेटियों के पदाधिकारियों को मंडल में जगह दी गई है। पार्टी के पुराने नेताओं का कहना है की कांशीराम ने मंडल प्रभारी व्यवस्था के दम पर ही बसपा को काफी आगे तक बढ़ाया था। प्रत्याशियों के चयन से लेकर पार्टी की जीत-हार में प्रभारियों की ही अहम भूमिका और जिम्मेदारी होती थी।
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