- मेरठ:पकड़े गए फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज की जांच में हुआ बड़ा खुलासा,4 महीने में लगाया गया है 2.5 करोड़ से भी ज्यादा का चूना,पुलिस और सर्विलांस एक्सपर्ट को अभी भी बीएसएनएल के अधिकारियों की रिपोर्ट का इंतजार | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 15 जून 2022

मेरठ:पकड़े गए फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज की जांच में हुआ बड़ा खुलासा,4 महीने में लगाया गया है 2.5 करोड़ से भी ज्यादा का चूना,पुलिस और सर्विलांस एक्सपर्ट को अभी भी बीएसएनएल के अधिकारियों की रिपोर्ट का इंतजार

मेरठ के गंगानगर में पकड़े गए फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज ने सुरक्षा एजेंसियों की भी नींद उड़ा दी है।खाड़ी देशों से आने वाली कॉल जो इंटरनेशनल थी, ऐसी अधिकांश कॉल का कोई रिकार्ड ही नहीं मिला है। पुलिस और सर्विलांस एक्सपर्ट को अभी भी बीएसएनएल के अधिकारियों की रिपोर्ट का इंतजार है, कि आखिर कितनी कॉल पिछले चार माह में विदेश से आईं हैं।फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज का सरगना मोहसिन निवासी मेरठ अभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े जाने के मामले में एसपी देहात IPS केशव कुमार जांच कर रहे हैं। सर्विलांस व साइबर के एक्सपर्ट भी टीम में लगाए गए हैं। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि इस मामले में साक्ष्य के अधार पर जांच चल रही है। अभी तक की जांच में आया है की जो 187 सिमकार्ड मिले हैं, वह अधिकांश बिहार और दूसरे स्थानों से खरीदे गए हैं। जिनकी आईडी की जांच की जा रही है। जांच में सामने आया है की विदेश से जो मोबाइल कॉल भारत में आती थीं। ऐसी इंटरनेशनल कॉल पर मोबाइल पर आने वाला नंबर भी इंटरनेशनल होना चाहिए था। लेकिन यह फर्जी एक्सचेंज से वेबसाइट पर लेकर जो कॉल डायवर्ट की गईं उनमें कॉल का नंबर इंडिया का शो होता था।पुलिस की जांच में आया कि फर्जी एक्सचेंज में 187 सिमकार्ड का प्रयोग किया गया। इसके लिए फर्जी तरह से वेबसाइट बनाई गई है। जो इंटरनेशनल कॉल इंडिया में आती, उन कॉल को वेबसाइट के माध्यम से नॉर्मल कॉल में बदल देते थे। चाहे वह इंटरनेट कॉल हो या व्हाट्सएप कॉल हों। देश में सुनी जाने वाली कॉल का नंबर इन 187 सिम कार्ड का होता था। बीएसएनल के डीजीएम राकेश चौधरी ने पूरा मामला एसएसपी प्रभाकर चौधरी को बताया। जिसके बाद गंगानगर थाना क्षेत्र में बक्सर के पास तिलकपुरम में तीसरी मंजिल पर छापा मारा। यहां एसओजी की टीम ने मोहम्मद शमी निवासी मवाना मेरठ को हिरासत में ले लिया। जिससे मंगलवार रात सुपुर्दगी में सौंपा गया।शमी सऊदी में टेलीफोन एक्सचेंज में काम कर चुका है। मेरठ निवासी मोहसिन का अभी तक सुराग नहीं लगा। 36 घंटे बीतने पर भी बीएसएनएल अफसरों ने एफआईआर के लिए तहरीर नहीं दी। जिसमें बताया जा रहा है की वह कॉल और होने वाले नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर ही कार्रवाई कराएंगे। पुलिस की जांच में आया की फरवरी से फर्जी एक्सचेंज चलने की बात सामने आई है। पिछले चार माह में एक लाख से ज्यादा इंटरनेशनल कॉल को वेबसाइट के माध्यम से इंडिया की साधारण कॉल में बदला। इसमें हर माह 60 लाख से अधिक का चूना बीएसएनएल, गेटवे और दूसरी टेलीकॉम कंपनी को लगाया। चार माह में ढाई करोड़ रुपये का नुकसान होना प्राथमिक तौर पर बताया जा रहा है। आरोपियों के बैंक खातों की जांच की प्रक्रिया जल्द ही पुलिस शुरू करेगी।

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